क्या जिम्बाब्वे ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी हार का सामना किया?

सारांश
Key Takeaways
- न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को पारी और 359 रन से हराया।
- जिम्बाब्वे की पहली पारी में केवल 125 रन बने।
- न्यूजीलैंड की पहली पारी 601/3 पर समाप्त हुई।
- जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में केवल 117 रन बने।
- यह जिम्बाब्वे के टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार है।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को बुलावायो में आयोजित दूसरे टेस्ट में पारी और 359 रन से हराया। इस जीत के साथ न्यूजीलैंड ने दो मुकाबलों की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया। यह न्यूजीलैंड के टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीत रही।
जहां न्यूजीलैंड ने अपने टेस्ट इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, वहीं जिम्बाब्वे को अपने टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी है।
वैश्विक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह टेस्ट क्रिकेट की तीसरी सबसे बड़ी हार है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है, जिसने 1938 में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 579 रन से हराया था।
ऑस्ट्रेलिया ने 2002 में पारी और 360 रन से जीत हासिल की, जो कि टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे विशाल जीत है। इस सूची में चौथे स्थान पर वेस्टइंडीज है, जिसने 1958/59 में भारत को पारी और 336 रन से हराया।
बुलावायो में खेले गए इस मुकाबले में, जिम्बाब्वे की टीम ने टॉस जीतकर पहली पारी में केवल 125 रन बनाये। ब्रेंडन टेलर ने 44 रन बनाये, जबकि मैट हैनरी ने 5 और जकारी फौल्केस ने 4 विकेट लिए।
न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी 601/3 के स्कोर पर घोषित की। डेवोन कॉनवे ने 153 रन, हेनरी निकोल्स ने 150 और रचिन रविंद्र ने 165 रन की नाबाद पारी खेली।
जिम्बाब्वे की दूसरी पारी केवल 28.1 ओवर में समाप्त हुई, जिसमें वे 117 रन पर ढेर हो गए। निक वेल्च ने 47 रन बनाकर नाबाद रहे। जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में जकारी फौल्केस ने 5 विकेट लिए।
न्यूजीलैंड ने सीरीज का पहला मैच नौ विकेट से जीता था, जिसके बाद जिम्बाब्वे के लिए यह अंतिम मुकाबला करो या मरो का था।