क्या गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी है?

सारांश
Key Takeaways
- दूधेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
- सुरक्षा के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
- इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से 8 अगस्त तक रहेगा।
- कांवड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
- मंदिर का इतिहास रावण काल से जुड़ा है।
गाजियाबाद, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास के पहले सोमवार को दूधेश्वर नाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए सुबह 4 बजे से ही भक्तों ने लाइन लगानी शुरू कर दी थी। भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए उत्साह के साथ यहां पहुँचकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए पुलिस ने पहले से ही मजबूत सुरक्षा इंतज़ाम किए थे।
इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से 8 अगस्त तक रहेगा। सावन को भगवान शिव और चंद्र देव का महीना माना जाता है। इस महीने का हर सोमवार महत्वपूर्ण होता है।
दूधेश्वर नाथ मंदिर, गाजियाबाद का एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका इतिहास रावण काल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि रावण ने भी इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। इस मंदिर को 'हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ' के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं यहां शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
गाजियाबाद पुलिस ने पहले से ही रूट डायवर्जन योजना जारी कर दी थी। दूधेश्वर नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं के आगमन के कारण पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग कर दी है और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। भक्तों को लाइन में लाने के लिए बैरिकेडिंग से रास्ता बनाया गया है। पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे पुलिस कंट्रोल रूम हर जगह पर निगरानी रख रहा है।
आज से कांवड़ियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी। इसे देखते हुए सुरक्षा और यातायात के लिए सख्त इंतज़ाम किए गए हैं। हजारों कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लाकर अपने शिव मंदिरों में शिवजी का जलाभिषेक करते हैं।