क्या अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा हुआ है? : पुष्कर सिंह धामी

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क्या अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा हुआ है? : पुष्कर सिंह धामी

सारांश

उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़े की संभावनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लिया है। क्या यह छात्रों के हक का मामला है? जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति प्राप्त करने का मामला।
  • एसआईटी द्वारा गहन जांच का आदेश।
  • मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख।
  • 92 संस्थाओं में से 17 पर गबन के आरोप।
  • शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल।

देहरादून, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसआईटी गठन का आदेश दिया है।

पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा की गई अनियमितताओं एवं फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से छात्रवृत्ति राशि के गबन के गंभीर मामलों पर ध्यान दिया है और इसकी जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

प्रथम दृष्टया जांच में यह सामने आया है कि कुछ संस्थाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्राप्त की है, जिनमें कुछ मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थाएं शामिल हैं।

केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 2021-22 एवं 2022-23 सत्र के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल 92 संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं। इनमें से 17 संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिक जांच में छात्रवृत्ति गबन की पुष्टि हुई है।

इन संस्थाओं में कुछ मामलों में विद्यार्थियों की संख्या, पहचान पत्र (आधार कार्ड), निवास संबंधी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। उधम सिंह नगर जनपद में सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल तथा रुद्र प्रयाग में वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय जैसे संस्थानों में अनियमितता पाई गई है।

इसके अतिरिक्त, नैनीताल, हरिद्वार और अन्य जनपदों की संस्थाएं भी जांच के दायरे में हैं।

एसआईटी इस मामले की गहराई से जांच करेगी, जिसमें संलिप्त संस्थाओं के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी।

केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें फर्जी मामलों की पहचान कर संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करना भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

बल्कि यह हमारे शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्रवाई का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन यह जरूरी है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं। इस तरह के मामलों में संस्थान और सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना क्या है?
यह योजना अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को शिक्षा में सहायता प्रदान करती है।
एसआईटी का गठन क्यों किया गया है?
फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
कितनी संस्थाएं जांच के दायरे में हैं?
92 संस्थाएं जांच के दायरे में हैं, जिनमें से 17 के खिलाफ गबन के सबूत मिले हैं।