क्या अमेरिका, जापान और हांगकांग ने भारतीय रियल एस्टेट में दूसरी तिमाही के विदेशी निवेश में 89 प्रतिशत का योगदान दिया?

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क्या अमेरिका, जापान और हांगकांग ने भारतीय रियल एस्टेट में दूसरी तिमाही के विदेशी निवेश में 89 प्रतिशत का योगदान दिया?

सारांश

क्या अमेरिका, जापान और हांगकांग ने मिलकर भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेश का 89 प्रतिशत योगदान दिया? जानें इस तिमाही में हुए संस्थागत निवेश के आंकड़े और इसके पीछे के कारण। क्या यह वृद्धि बरकरार रहेगी?

Key Takeaways

  • भारतीय रियल एस्टेट में 1.80 बिलियन डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ।
  • अमेरिका, जापान और हांगकांग का योगदान 89 प्रतिशत है।
  • कमर्शियल एसेट्स में निवेश का प्रमुख हिस्सा है।
  • सह-निवेश का हिस्सा 15 प्रतिशत हो गया।
  • आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6 प्रतिशत से अधिक है।

नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । इस वर्ष अप्रैल से जून की अवधि में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर ने 1.80 बिलियन डॉलर का संस्थागत निवेश प्राप्त किया, जिसमें अमेरिका, जापान और हांगकांग के निवेशकों ने विदेशी निवेश का लगभग 89 प्रतिशत योगदान दिया। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।

वेस्टियन की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में निवेश में 122 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई, जो पिछले तिमाही की तुलना में दोगुना से अधिक है।

दूसरी तिमाही में विदेशी निवेश गतिविधियों का प्रमुख योगदान रहा। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका, जापान और हांगकांग से लगभग 69 प्रतिशत निवेश कमर्शियल एसेट्स पर केंद्रित था।

वहीं, आवासीय संपत्तियों को कुल निवेश का केवल 11 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जबकि शेष निवेश विभिन्न संपत्तियों में रखा गया।

सह-निवेश का हिस्सा 8 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गया, जो मूल्य के संदर्भ में 2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी निवेशकों की ओर से प्रत्यक्ष निवेश से सह-निवेश की ओर बढ़ने का यह बदलाव, भू-राजनीतिक संघर्षों और व्यापक आर्थिक अस्थिरता के बीच जोखिम कम करने की इच्छा को दर्शाता है।

वेस्टियन के सीईओ, श्रीनिवास राव ने कहा, "2025 की दूसरी तिमाही में संस्थागत निवेशों में एक मजबूत सुधार देखने को मिला, जो मुख्य रूप से कमर्शियल रियल एस्टेट गतिविधियों में पिछले तिमाही की तुलना में तेज वृद्धि के कारण है। हालांकि कुल प्रवाह वार्षिक आधार पर कम रहा, लेकिन पर्याप्त तिमाही वृद्धि ने नए निवेशकों के विश्वास को दर्शाया है।"

यह वृद्धि आने वाले समय में भी जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि कई रेटिंग एजेंसियों ने वित्तीय वर्ष 2026 के दौरान 6 प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।

इसके अलावा, रेपो रेट में हाल ही में की गई कटौती से उधारी की लागत में कमी और क्षेत्र के लिए ऋण की पहुंच में सुधार होने से सकारात्मक भावना को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

2025 की दूसरी तिमाही में कुल निवेश में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 21 प्रतिशत थी। मूल्य के संदर्भ में घरेलू निवेश 336 मिलियन डॉलर रहा।

Point of View

यह भी ध्यान देने योग्य है कि आवासीय संपत्तियों में निवेश कम है, जो बाजार के अस्थिर होने का संकेत हो सकता है। हमें यह देखना होगा कि क्या यह सकारात्मक रुझान निरंतर बना रहेगा।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेश का क्या महत्व है?
विदेशी निवेश भारतीय रियल एस्टेट में विकास को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक स्थिरता को बढ़ाता है।
क्या भारत में रियल एस्टेट का भविष्य उज्ज्वल है?
हां, कई रेटिंग एजेंसियों के अनुसार, भारत में रियल एस्टेट का भविष्य उज्ज्वल है, खासकर कमर्शियल एसेट्स में।
क्या विदेशी निवेशकों को भारतीय रियल एस्टेट में निवेश करना चाहिए?
हां, अगर वे सतर्कता बरतते हैं और बाजार की स्थिति को समझते हैं।