क्या अगस्त में यूपीआई लेनदेन 20 अरब के पार पहुंचा? फोनपे और गूगल पे का शीर्ष स्थान बरकरार है

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क्या अगस्त में यूपीआई लेनदेन 20 अरब के पार पहुंचा? फोनपे और गूगल पे का शीर्ष स्थान बरकरार है

सारांश

अगस्त 2025 में यूपीआई लेनदेन ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। फोनपे और गूगल पे ने बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। जानें कैसे इन ऐप्स ने लेनदेन में प्रमुखता हासिल की और इनका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या है।

Key Takeaways

  • अगस्त 2025 में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 20 अरब से अधिक है
  • फोनपे और गूगल पे ने प्रमुखता बनाई है
  • लेनदेन का कुल मूल्य 24.85 लाख करोड़ रुपए है
  • उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हुई है
  • नवीनता के मामले में अन्य प्लेटफार्म भी उभर रहे हैं

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) नेटवर्क ने अगस्त 2025 में 20 अरब से अधिक लेनदेन प्रोसेस किए हैं, यह एक ऐतिहासिक पल है जब यूपीआई लेनदेन ने इस आंकड़े को पार किया है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन लेनदेन का कुल मूल्य 24.85 लाख करोड़ रुपए था।

यूपीआई लेनदेन के बाजार में कुछ प्रमुख ऐप्स का दबदबा बना हुआ है। लेनदेन की मात्रा के अनुसार, फोनपे ने करीब 9.6 अरब लेनदेन के साथ बाजार में अग्रणी स्थान प्राप्त किया, उसके बाद गूगल पे ने 7.4 अरब लेनदेन और पेटीएम ने 1.6 अरब लेनदेन के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

कुल लेनदेन मूल्य में उनकी हिस्सेदारी भी इसी तरह की रही, जिसमें फोनपे की हिस्सेदारी 48.64 प्रतिशत, गूगल पे की 35.53 प्रतिशत और पेटीएम की हिस्सेदारी लगभग 8.5 प्रतिशत रही।

इस इकोसिस्टम में अन्य प्लेटफॉर्म जैसे नवी और क्रेड भी शामिल हैं, जो लेनदेन की मात्रा के अनुसार शीर्ष पांच ऐप्स में आते हैं।

नवी ने लगभग 40.6 करोड़ लेनदेन और क्रेड ने लगभग 21.9 करोड़ लेनदेन प्रोसेस किए। औसतन, यूपीआई नेटवर्क ने पूरे अगस्त में प्रति दिन 64.5 करोड़ से अधिक लेनदेन किए।

अगस्त के यूपीआई लेनदेन के आंकड़ों का विश्लेषण यह दर्शाता है कि खर्च का दायरा वित्तीय भुगतानों और आवश्यक वस्तुओं की ओर अधिक है।

सबसे ज्यादा लेन-देन ऋण और प्रतिभूतियों के भुगतान में दर्ज किए गए, जिसमें ऋण वसूली एजेंसियों का लेनदेन मूल्य 77,007 करोड़ रुपए रहा। प्रमुख क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च मजबूत रहा, जिसमें किराना और सुपरमार्केट का योगदान 68,116 करोड़ रुपए रहा।

अन्य महत्वपूर्ण श्रेणियों में प्रतिभूति दलालों को भुगतान, दूरसंचार और उपयोगिताओं के लिए भुगतान शामिल हैं, जो यूपीआई के विवेकाधीन और गैर-विवेकाधीन दोनों तरह के खर्च आदतों में गहरे एकीकरण का संकेत देते हैं।

Point of View

यूपीआई का यह बढ़ता हुआ उपयोग दर्शाता है कि भारतीय बाजार में डिजिटल भुगतान प्रणाली कितनी मजबूती से स्थापित हो रही है। यह न केवल उपभोक्ता व्यवहार को बदल रहा है, बल्कि पूरे वित्तीय इकोसिस्टम में भी सुधार ला रहा है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

यूपीआई लेनदेन क्या है?
यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को मोबाइल फोन के माध्यम से पैसे भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देती है।
फोनपे और गूगल पे में क्या अंतर है?
फोनपे और गूगल पे दोनों यूपीआई आधारित ऐप्स हैं, लेकिन उनके इंटरफेस, फीचर्स और उपयोगकर्ता अनुभव में भिन्नता है।
क्या यूपीआई सुरक्षित है?
हां, यूपीआई एक सुरक्षित भुगतान प्रणाली है जिसमें कई सुरक्षा उपाय जैसे कि ओटीपी और दो-चरणीय प्रमाणीकरण शामिल हैं।
क्या यूपीआई लेनदेन में कोई शुल्क लगता है?
अधिकांश यूपीआई लेनदेन बिना किसी शुल्क के होते हैं, लेकिन कुछ विशेष सेवाओं पर शुल्क लागू हो सकता है।
यूपीआई का भविष्य क्या है?
यूपीआई का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि भारत में डिजिटल भुगतान की मांग तेजी से बढ़ रही है।