क्या ममता बनर्जी सत्ता के लिए एक वर्ग को बढ़ावा दे रहीं हैं? बांग्ला विवाद पर हिमंता बिस्वा सरमा का जवाब

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क्या ममता बनर्जी सत्ता के लिए एक वर्ग को बढ़ावा दे रहीं हैं? बांग्ला विवाद पर हिमंता बिस्वा सरमा का जवाब

सारांश

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी को बांग्ला भाषा विवाद पर करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ममता केवल सत्ता में बने रहने के लिए बंगाल के भविष्य से समझौता कर रही हैं। इस विवाद का राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है।
  • सत्ता के लिए समझौता करने का आरोप लगाया गया है।
  • असम में मुस्लिम घुसपैठ का विरोध जारी है।
  • भाषा और संस्कृति की रक्षा की आवश्यकता।
  • राजनीतिक स्थिति का समाज पर गहरा प्रभाव।

नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 'बांग्ला' भाषा विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रभावी जवाब दिया है। ममता बनर्जी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से असम की भाजपा सरकार पर सवाल उठाए थे। इस पर हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार करते हुए कहा है कि ममता बनर्जी ने मात्र सत्ता में बने रहने के लिए बंगाल के भविष्य के साथ समझौता किया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "दीदी, मैं आपको याद दिला दूं, असम में हम अपने लोगों के खिलाफ नहीं हैं। हम निर्भीकता से उस निरंतर और बेलगाम मुस्लिम घुसपैठ का विरोध कर रहे हैं, जो सीमा पार से हो रही है और जिसकी वजह से राज्य की जनसांख्यिकी में गंभीर बदलाव आया है।"

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि असम के कई जिलों में अब हिंदू अपनी ही ज़मीन पर अल्पसंख्यक बनने की कगार पर हैं। यह कोई राजनीतिक नैरेटिव नहीं है, यह एक सच्चाई है। यहां तक कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी ऐसी घुसपैठ को बाहरी आक्रमण कहा है। हिमंता ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम अपनी ज़मीन, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए खड़े होते हैं, तो आप इसे राजनीति का रंग देने लगती हैं।

उन्होंने कहा, "हम लोगों को भाषा या धर्म के आधार पर नहीं बांटते। असमिया, बांग्ला, बोडो और हिंदी सभी भाषाएं और समुदाय यहां सदियों से साथ रहते आए हैं। लेकिन कोई भी सभ्यता तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह अपनी सीमाओं और सांस्कृतिक नींव की रक्षा नहीं करती।"

असम के मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा, "जहां हम असम की पहचान को बचाए रखने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं, वहीं दीदी आपने बंगाल के भविष्य के साथ समझौता कर लिया है।"

हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी पर एक खास समुदाय की ओर से अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा देने और वोट बैंक के लिए एक धार्मिक समुदाय का तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर घुसपैठ के बावजूद राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने पर चुप्पी साधने के भी आरोप लगाए।

इससे पहले, ममता बनर्जी ने आरोप लगाए कि असम में 'बांग्ला' बोलने वालों को उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। उन्होंने एक पोस्ट में कहा, "सभी भाषाओं और धर्मों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहने वाले नागरिकों को उनकी अपनी मातृभाषा को बनाए रखने के लिए उत्पीड़न की धमकी देना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। असम में भाजपा का यह विभाजनकारी एजेंडा सारी हदें पार कर चुका है और असम के लोग इसका डटकर मुकाबला करेंगे।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि यह विवाद केवल भाषा का नहीं है, बल्कि समाज और राजनीति के अंतर्संबंधों का है। हमें इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करना होगा, ताकि राष्ट्रीय अखंडता और सांस्कृतिक विविधता को सुरक्षित रखा जा सके।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी पर क्या आरोप लगाए?
हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए बंगाल के भविष्य के साथ समझौता किया है और अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा दिया है।
बांग्ला भाषा विवाद का सामाजिक प्रभाव क्या है?
यह विवाद असम और बंगाल के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकता है, जिससे समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।