क्या बांग्लादेश वायु सेना विमान दुर्घटना में मृतकों की संख्या 34 हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- 34 लोगों की मृत्यु हुई है।
- घटनास्थल पर कई बच्चे शामिल थे।
- भारत ने बांग्लादेश को चिकित्सा सहायता दी।
- घायलों का इलाज अंतरराष्ट्रीय दल कर रहा है।
- इस घटना ने सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को उजागर किया।
ढाका, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश वायुसेना के जेट विमान की दुर्घटना में मृतकों की संख्या 34 तक पहुँच गई है। शनिवार सुबह 13 वर्षीय जरीफ की जान चली गई।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, जरीफ को ढाका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में भर्ती किया गया था। उसके शरीर के 40 प्रतिशत हिस्से में जलन के कारण विशेष रूप से श्वसन तंत्र को नुकसान हुआ और उसकी मृत्यु हो गई।
इससे पहले शुक्रवार को दो अन्य बच्चों, 13 वर्षीय अब्दुल मुसब्बिर मकिन और 10 वर्षीय अफरोज ऐमन की भी आईसीयू में मृत्यु हो गई थी। मकिन सातवीं कक्षा में पढ़ता था जबकि ऐमन चौथी कक्षा की छात्रा थी।
यह tragically हादसा 21 जुलाई को हुआ, जब बांग्लादेश वायुसेना का एफ-7 बीजीआई प्रशिक्षण विमान दोपहर 1:06 बजे उड़ान भरने के बाद लगभग 1:30 बजे ढाका के उत्तरा क्षेत्र में माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की इमारत पर गिर गया।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, इस हादसे में मरने वालों में अधिकांश बच्चे शामिल थे।
बर्न इंस्टीट्यूट के रेजिडेंट फिजिशियन शावन बिन रहमान ने बताया कि मुसब्बिर का शरीर 70 प्रतिशत और अफरोज का 45 प्रतिशत जल गया था।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी के निदेशक नसीर उद्दीन ने पत्रकारों को बताया कि अभी भी पाँच मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि, कुछ राहत की खबर यह है कि दो मरीजों की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और वे अब खुद सांस ले पा रहे हैं। शनिवार को चार से पाँच मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
बर्न इंस्टीट्यूट के सूत्रों के हवाले से बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र प्रोथोम अलो ने बताया कि स्थानीय विशेषज्ञ डॉक्टर सिंगापुर, चीन और भारत से आए चिकित्सा दलों के साथ मिलकर घायलों का इलाज कर रहे हैं।
भारत से आए चिकित्सा दल ने ढाका के बर्न इंस्टीट्यूट में दूसरी बार परामर्श किया। भारतीय उच्चायोग ने एक्स पोस्ट में बताया कि यह दल गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज में बांग्लादेशी अधिकारियों की मदद कर रहा है।
भारतीय चिकित्सा दल ने बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और बर्न इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों के साथ मरीजों की स्थिति को लेकर समीक्षा की। उन्होंने इलाज की विधियों पर विचार-विमर्श किया और भविष्य के उपचार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
इस दल का दौरा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस आश्वासन का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने इस त्रासदी के बाद बांग्लादेश को हर संभव सहायता देने का वादा किया था।