क्या बरेली हिंसा के मामले में 83 गिरफ्तारियां हुई हैं? तौकीर रजा के करीबी पर एक और एफआईआर

सारांश
Key Takeaways
- 83 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
- मौलाना तौकीर रजा के करीबी पर एफआईआर।
- फर्जी पत्र के जरिए साजिश का खुलासा।
- पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए।
- सीएम ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
बरेली, 6 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बरेली हिंसा मामले में पुलिस प्रशासन की निरंतर कार्रवाई जारी है। इस मामले में अब तक 83 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मौलाना तौकीर रजा के निकटतम सहयोगियों पर एक और मामला दर्ज किया गया है, जिसमें बरेली हिंसा के आरोपी डॉक्टर नफीस और नदीम शामिल हैं।
तौकीर रजा के करीबी पर बरेली कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है।
फरीदपुर चौधरी निवासी लियाकत ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई है। लियाकत का आरोप है कि 25 सितंबर की शाम को नदीम खान और डॉ. नफीस खान ने मिलकर साजिश के तहत आईएमसी का एक फर्जी पत्र तैयार किया। इस पत्र पर लियाकत के नाम से फर्जी हस्ताक्षर किए गए।
इस फर्जी पत्र का उद्देश्य 26 सितंबर को मौलाना तौकीर रजा के धरने में लोगों को बुलाना, प्रशासन को भ्रमित करना और शहर की शांति को भंग करना था। लियाकत ने स्पष्ट किया कि न तो उनका आईएमसी से कोई संबंध है और न ही वे उस दिन धरने में शामिल हुए थे। लियाकत ने यह भी बताया कि घटना के दिन वे अपने गांव में ही मौजूद थे और उनके गांव से भी कोई धरने में नहीं गया।
इसके अलावा, बरेली हिंसा के मास्टरमाइंड माने जा रहे मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉ. नफीस खान के अवैध बारातघर पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। रविवार को बचे हुए हिस्से को भी बुलडोजर से ढहा दिया गया। इसके साथ ही तौकीर रजा को शरण देने के आरोप में फरहत के घर पर भी जल्द बुलडोजर चल सकता है।
बरेली उपद्रव केस में अब तक 126 नामजद लोगों पर केस दर्ज हो चुका है और 83 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दरअसल 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद काफी संख्या में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर लोग जमा हो गए थे। इसके विरोध के बाद हालात बिगड़ गए और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। हालात को संभालने के लिए पुलिस को सड़क पर उतरना पड़ा।
घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।