क्या भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ ने नई ऊंचाइयों को छुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-फ्रांस सैन्य सहयोग को बढ़ावा
- 90 भारतीय सैनिक का भागीदारी
- अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में साझा प्रतिबद्धता
- युद्ध कौशल का आदान-प्रदान
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अंतर्गत उप-पारंपरिक युद्ध
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ का आयोजन फ्रांस के ला कावेलरी स्थित कैंप लारजैक में गुरुवार से शुरू हुआ। यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच संचालनिक समन्वय, अंतर-सक्रियता और आपसी समझ को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का आठवां संस्करण है। ‘शक्ति’ के दौरान कई महत्वपूर्ण संयुक्त रणनीतिक अभ्यास होंगे। साथ ही, दोनों सेनाएं युद्ध कौशल का आदान-प्रदान करेंगी।
फ्रांस में हो रहे इस द्विवार्षिक सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की ओर से 90 सैनिकों का एक दल हिस्सा ले रहा है। इस दल में मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन के जवान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, अन्य शाखाओं के जवान भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। वहीं, फ्रांसीसी सेना की 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड के 90 सैनिक भी इस अभ्यास का हिस्सा हैं। यह अभ्यास 1 जुलाई 2025 तक जारी रहेगा।
‘शक्ति -2025’ संस्करण का मुख्य फोकस संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय के अंतर्गत उप-पारंपरिक युद्ध पर केंद्रित है। इसका आयोजन अर्ध-शहरी क्षेत्रीय परिस्थितियों में किया जा रहा है, जहां दोनों सेनाएं विभिन्न सैन्य अभियानों को पूरा करेंगी।
फ्रांसीसी दल की ओर से उनके कमांडर कर्नल बेंजामिन ब्रुनेट और उप-कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल कास्टिल्लो उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने प्रतिभागी सैनिकों को शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि यह अभ्यास भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। साथ ही, दोनों सेनाओं के बीच आपसी सम्मान और विश्वास को मजबूती प्रदान करेगा।
दोनों देशों की सेनाएं यहां अनुभवों और सर्वोत्तम सैन्य प्रथाओं को साझा करेंगी। सैनिकों के बीच मित्रता, तालमेल और एकजुटता को बढ़ावा दिया जाएगा। अभ्यास के समापन पर यह साझेदारी भारत और फ्रांस की वैश्विक शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करेगी।