क्या भारत समेत 24 देशों की सेना संघर्षग्रस्त क्षेत्रों के लिए शांति का अभ्यास कर रही हैं?

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क्या भारत समेत 24 देशों की सेना संघर्षग्रस्त क्षेत्रों के लिए शांति का अभ्यास कर रही हैं?

सारांश

भारत और अमेरिका सहित 24 देशों की सेनाएं मंगोलिया में शांति स्थापना का अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ कर रही हैं। यह अभ्यास सैन्य कौशल को निखारने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। जानें इस महत्वपूर्ण अभ्यास की खासियतें और उद्देश्य।

Key Takeaways

  • 24 देशों की सेनाएं एकत्रित होकर शांति स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं।
  • यह अभ्यास संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में कार्य संचालन और मानवता की सहायता पर केंद्रित है।
  • अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • यह मंगोलिया और भारत के संबंधों को मजबूत करता है।
  • अभ्यास के दौरान संयुक्त राष्ट्र के नियमों का पालन किया जा रहा है।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस) क्या भारत और अमेरिका समेत 24 देशों की सेनाएं संघर्षग्रस्त क्षेत्रों के लिए शांति का अभ्यास कर रही हैं? ये सेनाएं एक महत्वपूर्ण बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना का सैन्य अभ्यास ‘ख़ान क्वेस्ट’ कर रही हैं, जो मंगोलिया के फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया में चल रहा है। अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के साथ साझेदारी में यह अभ्यास शांति स्थापना में सैन्य कौशल को निखारने के लिए 24 देशों की सैन्य टुकड़ियों को एक साथ लाया है।

सोमवार को भी इस मल्टीनेशनल संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारत व अन्य देशों की सेनाएं महत्वपूर्ण अभ्यास कर रही हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार ‘खान क्वेस्ट’ सैन्य अभ्यास 28 जून 2025 तक चलेगा। इसका उद्देश्य विभिन्न देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, यह अभ्यास इन 24 देशों को आपस में सीखने के लिए प्रेरित करता है और बहुराष्ट्रीय समन्वय को मजबूती प्रदान करता है।

इस अभ्यास के दौरान संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में कार्य संचालन और मानवीय राहत अभियानों का अभ्यास किया जा रहा है। संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सिविल-मिलिट्री समन्वय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही यहां अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। ये सभी प्रशिक्षण गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के नियमों के तहत की जा रही हैं।

सेना का मानना है कि इस अभियान में भारत की सहभागिता उसके यूएन शांति रक्षा के समृद्ध अनुभव को दर्शाती है। वहीं, मंगोलिया के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को भी यह अभ्यास मजबूत कर रहा है। यह अभ्यास हाल ही में मंगोलिया में संपन्न हुए ‘नोमैडिक एलीफैंट 2025’ अभ्यास की सफलता पर आधारित है। नोमैडिक एलीफैंट से द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और मजबूती मिली है। अभ्यास के दौरान भारतीय सैन्य दल विश्व के अन्य देशों की सेनाओं के साथ यथार्थ-आधारित परिदृश्यों में प्रशिक्षण कर रहा है। इससे न केवल विभिन्न देशों के बीच सामरिक समन्वय मजबूत होगा, बल्कि आपसी विश्वास, मित्रता और साझी प्रतिबद्धता की भावना को भी बल मिलेगा।

गौरतलब है कि मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में स्थित फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया में 14 जून को यह बहुराष्ट्रीय शांति रक्षा अभ्यास ‘खान क्वेस्ट 2025’ शुरू हुआ था। मंगोलियाई सशस्त्र बलों की ओर से यूएस इंडो-पैसिफिक कमान के सहयोग से आयोजित इस अभ्यास में 24 देशों की सैन्य टुकड़ियां भाग ले रही हैं। ‘खान क्वेस्ट 2025’ का मुख्य अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत शांति रक्षा अभियानों के लिए समन्वय एवं क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करना है। इसके उद्घाटन समारोह में भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, मंगोलिया में भारत के राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे, मंगोलियाई सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण और भागीदार देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Point of View

बल्कि आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है। यह अभ्यास भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वह अपने शांति रक्षा के अनुभव को साझा कर सकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

खान क्वेस्ट अभ्यास कब शुरू हुआ?
यह अभ्यास 14 जून 2025 को मंगोलिया में शुरू हुआ था।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के लिए क्षमता निर्माण करना है।
कितने देशों की सेनाएं इस अभ्यास में भाग ले रही हैं?
इस अभ्यास में कुल 24 देशों की सेनाएं भाग ले रही हैं।
मंगोलिया में इस अभ्यास का स्थान क्या है?
यह अभ्यास मंगोलिया के फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया में हो रहा है।
भारत के लिए इस अभ्यास का क्या महत्व है?
यह अभ्यास भारत के यूएन शांति रक्षा अनुभव को दर्शाता है और मंगोलिया के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करता है।