क्या भारतीय सेना की ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल का समावेश हरित लॉजिस्टिक्स में एक बड़ा कदम है?

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क्या भारतीय सेना की ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल का समावेश हरित लॉजिस्टिक्स में एक बड़ा कदम है?

सारांश

क्या आपको पता है कि भारतीय सेना ने अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल को शामिल करने का निर्णय लिया है? यह स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस पहल के पीछे के कारण और इसका महत्व।

Key Takeaways

  • भारतीय सेना ने बायो-डीजल को अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में शामिल किया।
  • यह स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
  • यह पहल पर्यावरण संरक्षण के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • बायो-डीजल का समावेश दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल को शामिल किया है। यह कदम स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और सरकार की हरित पहलों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

सेना के अनुसार, उन्होंने सोमवार को औपचारिक रूप से अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल को शामिल किया है। इस ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में किया गया। यहां उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह ने बायो-डीजल की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर क्वार्टर मास्टर जनरल, डायरेक्टर जनरल सप्लाई एवं ट्रांसपोर्ट, भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक (मार्केटिंग) शुभंकर सेन भी उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम आर्मी सर्विस कोर के 265वें कोर दिवस के साथ आयोजित किया गया, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया। यह पहल भारतीय सेना की पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ ईंधन विकल्पों को अपनाने की दिशा में एक ठोस शुरुआत है। इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।

सेना के अनुसार, बायो-डीजल को अपनाना राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति के अनुरूप है। यह सेना की लॉजिस्टिक्स और परिचालन प्रणालियों में हरित उपायों के एकीकरण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बता दें कि सशस्त्र बल पहले ही 1 दिसंबर से ई-20 पेट्रोल को अपनाकर हरित मोबिलिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा चुके हैं। अब बायो-डीजल का समावेश इस यात्रा को और गति प्रदान करेगा।

उप सेना प्रमुख ने इस समारोह को संबोधित करते हुए इस पहल में सहयोग के लिए बीपीसीएल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रयास एक हरित एवं ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारतीय सेना की व्यापक गतिशीलता आवश्यकताओं को देखते हुए टिकाऊ ईंधन समाधान अपनाने से देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में उल्लेखनीय योगदान होगा।

भारतीय सेना का कहना है कि वे राष्ट्र निर्माण से जुड़ी पहलों में सदैव अग्रणी रहे हैं। बायो-डीजल को ईंधन आपूर्ति प्रणाली में शामिल करना पर्यावरण संरक्षण, नवाचार और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है।

Point of View

बल्कि यह देश के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन भी है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय सेना ने बायो-डीजल को कब अपनाया?
भारतीय सेना ने 8 दिसंबर को औपचारिक रूप से बायो-डीजल को अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में शामिल किया।
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
बायो-डीजल का समावेश किस कार्यक्रम के तहत किया गया?
यह कार्यक्रम आर्मी सर्विस कोर के 265वें कोर दिवस के साथ आयोजित किया गया।
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