क्या भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हुई है?

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क्या भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हुई है?

सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत में कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। इस विशेष बातचीत में उन्होंने पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति, उज्ज्वला योजना की उपलब्धियों और भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी है। जानिए और क्या कहा उन्होंने।

Key Takeaways

  • कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हुई।
  • पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है।
  • उज्ज्वला योजना से 10.33 करोड़ परिवारों को लाभ।
  • भारत की अर्थव्यवस्था चार ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है।
  • बायोफ्यूल ब्लेंडिंग 20 प्रतिशत तक पहुंची।

नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को जानकारी दी कि भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या 40 हो गई है, जो पहले 27 थी। राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए। आइए जानते हैं केंद्रीय मंत्री से राष्ट्र प्रेस की बातचीत के कुछ मुख्य बिंदु।

सवाल - इजरायल-ईरान संघर्ष का भारत में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति पर क्या असर पड़ेगा?

जवाब - इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के संदर्भ में मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और हमारे कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब 40 हो गई है। इसके अलावा, हम स्वयं भी कच्चे तेल का उत्पादन कर रहे हैं और हमारा आउटपुट भी बढ़ रहा है। हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है।

सवाल - पिछले 11 वर्षों में पेट्रोलियम मंत्रालय की क्या बड़ी उपलब्धियां हैं?

जवाब - हमारा मुख्य कार्य देश में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई उज्ज्वला योजना का लाभ अब 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को मिल रहा है। पहले यह सुविधा केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन अब मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण इलाकों में भी एलपीजी सिलेंडर आसानी से उपलब्ध हों। 2014 में हमने बायोफ्यूल ब्लेंडिंग 1.4 प्रतिशत से शुरू की थी, जो आज 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

सवाल - क्या भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया मान रही है?

जवाब - भारत अब दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत है। अगर यह रफ्तार जारी रही, तो भारत आने वाले समय में आठ ट्रिलियन डॉलर तक की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था के विकास का प्रत्यक्ष असर नागरिकों पर पड़ता है और प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होता है।

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति को भी मजबूत बनाती है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या पेट्रोल-डीजल की कोई कमी है?
नहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया है कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है।
कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या कितनी है?
भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब 40 हो गई है।
उज्ज्वला योजना से कितने परिवारों को लाभ मिला है?
उज्ज्वला योजना का लाभ 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को मिल रहा है।
भारत की अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी हो गई है?
भारत की अर्थव्यवस्था अब दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर चार ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है।
बायोफ्यूल ब्लेंडिंग का प्रतिशत क्या है?
बायोफ्यूल ब्लेंडिंग का प्रतिशत अब 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है।