क्या शेयर बाजार अमेरिकी टैरिफ के कारण लाल निशान में खुला? ऑटो और एनर्जी स्टॉक्स पर दबाव

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क्या शेयर बाजार अमेरिकी टैरिफ के कारण लाल निशान में खुला? ऑटो और एनर्जी स्टॉक्स पर दबाव

सारांश

भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि के चलते ऑटो और एनर्जी स्टॉक्स पर दबाव बढ़ गया है। जानिए इस स्थिति का बाजार पर क्या असर पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • सेंसेक्स में 230 अंक की गिरावट आई।
  • निफ्टी में 73 अंक की कमी हुई।
  • ऑटो और एनर्जी शेयरों पर दबाव बना हुआ है।
  • अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है।
  • निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार आज गुरुवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स में 230 अंक या 0.29 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो कि 80,313 पर था, जबकि निफ्टी 73 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,501 पर था।

शेयर बाजार में व्यापक स्तर पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है। शुरुआती कारोबार में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,671 शेयर लाल निशान में, 548 हरे निशान में और 83 शेयर बिना किसी बदलाव के कारोबार कर रहे थे।

गिरावट का प्रमुख कारण ऑटो और एनर्जी शेयरों में देखा जा रहा है। दोनों इंडेक्स 0.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स भी लाल निशान में थे, जबकि आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया और हेल्थकेयर हरे निशान में थे।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों में गिरावट जारी थी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 121 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,628 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 28 अंक या 0.13 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,639 पर था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वीके विजयकुमार ने कहा, "अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के लिए 21 दिन की अवधि, अमेरिका के साथ बातचीत का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, व्यापार नीति को लेकर भारी अनिश्चितता बनी हुई है और दोनों देशों के बीच समझौता कितनी दूर तक होगा, यह भी स्पष्ट नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा, "बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की संभावना कम है, लेकिन निकट भविष्य में कमजोरी बनी रहेगी। फिलहाल अनिश्चितता अधिक है, इसलिए निवेशकों को अपने दृष्टिकोण में सावधानी बरतनी चाहिए। निकट भविष्य में निर्यात से जुड़े क्षेत्र कमजोर रहेंगे। हालांकि, बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार, होटल, सीमेंट, पूंजीगत वस्तुएं और ऑटोमोबाइल जैसे घरेलू उपभोग क्षेत्र मजबूत बने रहेंगे।"

एशिया के अधिकांश बाजार हरे निशान में रहे। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सोल तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को हरे निशान में बंद हुए थे।

Point of View

हमें यह समझने की जरूरत है कि अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि से भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, जबकि घरेलू उपभोग के क्षेत्र मजबूत बने रहेंगे।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ में वृद्धि करना और बाजार में बिकवाली का दबाव इसका मुख्य कारण है।
क्या निवेशकों को चिंता करनी चाहिए?
हां, निवेशकों को अपने रुख में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि अनिश्चितता अधिक है।