क्या भारतीय उद्यमी लग्जरी जीवनशैली अपनाने में वैश्विक उद्यमियों से आगे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 95% भारतीय उद्यमियों का मानना है कि उनकी संपत्ति बढ़ेगी।
- 56% का विश्वास है कि उनका धन तेजी से बढ़ेगा।
- भारतीय उद्यमियों का ग्लोबल आउटलुक है।
- 73% के पास मल्टी-रेसिडेंसी का स्टेटस है।
- यूके और यूएस विदेशी बसने के लिए टॉप डेस्टिनेशन हैं।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय उद्यमियों का पर्सनल वेल्थ आउटलुक दुनिया भर के अन्य देशों के उद्यमियों की तुलना में सकारात्मक रहता है, जिसमें 95 प्रतिशत का मानना है कि आगामी वर्षों में उनकी संपत्ति में वृद्धि होगी। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
56 प्रतिशत भारतीय उद्यमियों को विश्वास है कि उनका धन तेजी से बढ़ेगा, जबकि 39 प्रतिशत का मानना है कि उनकी संपत्ति में मामूली वृद्धि होगी।
एचएसबीसी प्राइवेट बैंक की एक रिसर्च के अनुसार, भारत के धनी उद्यमी अपने धन का उपयोग लग्जरी जीवनशैली पर कर रहे हैं, जो उनके सकारात्मक दृष्टिकोण और वैश्विक आउटलुक से प्रेरित है।
एचएसबीसी की 'ग्लोबल एंटरप्रेन्योरियल वेल्थ रिपोर्ट 2025' के अनुसार, भारत में उद्यमियों ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए रियल एस्टेट पर 64 प्रतिशत, स्वास्थ्य और फिटनेस पर 61 प्रतिशत, और लक्जरी अनुभवों पर 59 प्रतिशत खर्च किया है, जो अन्य देशों के उद्यमियों की तुलना में अधिक है।
एचएसबीसी इंडिया के इंटरनेशनल वेल्थ और प्रीमियर बैंकिंग के प्रमुख संदीप बत्रा ने कहा, "लग्जरी जीवनशैली, वैश्विक गतिशीलता और विविध पोर्टफोलियो में भारतीय उद्यमियों का निवेश उनके भविष्य के प्रति विश्वास को दर्शाता है।"
यह सकारात्मकता यूके, यूएई, भारत और सिंगापुर जैसे बाजारों में विशेष रूप से अधिक है।
भारत में इस सकारात्मकता के मुख्य कारण हैं नए निवेश और उद्यम के अवसर, स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल आर्थिक परिदृश्य और व्यवसाय का अच्छा प्रदर्शन।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के उद्यमियों का आउटलुक विशेष रूप से ग्लोबल है, जिसमें 73 प्रतिशत के पास मल्टी-रेसिडेंसी का स्टेटस है, जो वैश्विक औसत 56 प्रतिशत से अधिक है।
अधिकांश उद्यमी विदेश में बसने के लिए तैयार हैं, जिसमें यूके और यूएस टॉप डेस्टिनेशन बने हुए हैं। इसके बाद स्विट्जरलैंड, यूएई और सिंगापुर आते हैं।
क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट के लिए 78 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि वे विदेशों में जाकर अपने और अपने परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं। वहीं, 75 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि ऐसा करने से उन्हें नए निवेश के अवसर मिल सकते हैं। जबकि 71 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि भारत से बाहर जाकर वे व्यवसाय को नए बाजारों में बढ़ा सकते हैं।