क्या बिहार का मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण वोट चोरी की कोशिश है?

सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
- सभी राजनीतिक दलों को लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए एक साथ आना चाहिए।
- मतदाता की आवाज़ को महत्व दिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार का यह विशेष गहन पुनरीक्षण अब वोट चोरी का एक प्रयास बन गया है। इसके द्वारा भारत का चुनाव आयोग और भाजपा गठबंधन मिलकर आम जनता और मतदाताओं के वोट चुराने की कोशिश कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सुरजेवाला ने कहा कि यह घटना पूरे देश को गहराई से प्रभावित करती है और इसके पीछे की असली वजह अभी स्पष्ट नहीं है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि एसआईआर एक अलोकतांत्रिक कदम है और चुनाव आयोग का उद्देश्य हर मतदाता को शामिल करना होना चाहिए।
जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि देश को हो रहे नुकसान के लिए विपक्ष जिम्मेदार है। सदन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के कारण बाधित हो रही है। सरकार जनता के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष का सहयोग नहीं मिल रहा है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एसआईआर के खिलाफ आवाज उठाई है और कहा कि यह भाजपा की धोखाधड़ी की तैयारी का संकेत है। निष्पक्षता इस मामले में आवश्यक है।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव आयोग के माध्यम से बिहार में वोट लूटने की कोशिश कर रही है। यह मुद्दा महाराष्ट्र में उनकी सरकार बनाने में भी महत्वपूर्ण था।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग चाहे जो भी कहे, वास्तविकता यह है कि स्थिति लगातार बिगड़ रही है। बिहार चुनाव के पहले इस तरह का कदम उठाने के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है।