क्या बिहार की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं? कई जिलों में बाढ़ की स्थिति

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क्या बिहार की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं? कई जिलों में बाढ़ की स्थिति

सारांश

बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जानें किस-किस क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और प्रशासन ने क्या उपाय किए हैं।

Key Takeaways

  • बिहार की प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
  • कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
  • प्रशासन द्वारा सामुदायिक रसोई केंद्रों की व्यवस्था की गई है।
  • आवागमन के लिए नावों का परिचालन किया जा रहा है।
  • जरूरतमंद परिवारों के बीच पॉलीथीन शीट्स का वितरण किया गया है।

पटना, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के चलते प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। गंगा, कोसी सहित अनेक नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णिया और कटिहार जिलों के कई निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति देखी गई है।

जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा नदी पटना के दीघा, गांधी घाट, हाथीदह के साथ-साथ मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, कोसी खगड़िया के बलतारा और कटिहार के कुर्सेला में लाल निशान से ऊपर है। इसी प्रकार, बागमती सोनाखान और बेनीबाद में भी लाल निशान के ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक खगड़िया और पुनपुन श्रीपाल पुर में खतरे के निशान से ऊपर है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के 13 पंचायतों में लगभग 33,400 जनसंख्या प्रभावित हुई है। प्रभावित जनों के लिए जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में छह सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से अब तक लगभग 61,500 लोगों को भोजन प्रदान किया गया है। साथ ही, जरूरतमंद परिवारों के बीच 2258 पॉलीथीन शीट्स का भी वितरण किया गया है। आवागमन के लिए 120 नावों का परिचालन किया जा रहा है।

पटना जिले के अथमलगोला, मोकामा, बाढ़, दानापुर एवं पटना सदर प्रखंडों के 14 पंचायतों में लगभग 90,500 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा छह सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। पटना में सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से अब तक लगभग 17,200 लोगों को भोजन कराया गया है। साथ ही, दो बाढ़ राहत शिविर का संचालन भी किया गया है, जहां 1130 लोगों के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। जरूरतमंद परिवारों के बीच ड्राई राशन पॉकेट एवं पॉलीथीन शीट्स का भी वितरण किया गया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की बाढ़ की स्थिति गंभीर है और सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। प्रभावित जनसंख्या की सुरक्षा और राहत कार्य प्राथमिकता होनी चाहिए।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में बाढ़ की स्थिति कितनी गंभीर है?
बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए क्या उपाय किए हैं?
जिला प्रशासन ने सामुदायिक रसोई केंद्रों और राहत शिविरों के माध्यम से प्रभावित लोगों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की है।