क्या बिहार में शिक्षा विभाग ने सीएसआर फंड से एमओयू साइन किया है?

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क्या बिहार में शिक्षा विभाग ने सीएसआर फंड से एमओयू साइन किया है?

सारांश

बिहार सरकार ने शिक्षा विभाग में कॉर्पोरेट सेक्टर और एनजीओ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल का उद्देश्य सीएसआर फंड का सही उपयोग कर स्कूलों में कंप्यूटर लर्निंग और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देना है। शिक्षा मंत्री ने इस कदम को विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया है।

Key Takeaways

  • सीएसआर फंड का उपयोग शिक्षा में सुधार के लिए किया जाएगा।
  • कंप्यूटर लर्निंग और हेल्थ सेंटर की सुविधाएं बढ़ेंगी।
  • नीतीश कुमार के कार्यकाल में शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।
  • छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाने पर जोर दिया गया है।
  • बिहार में 10 लाख नौकरियां युवतियों को मिली हैं।

पटना, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने कॉर्पोरेट सेक्टर और एनजीओ के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का प्रयोग कर स्कूलों में कंप्यूटर लर्निंग, हेल्थ सेंटर और अन्य सुविधाओं को सुदृढ़ करना है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शनिवार को कहा कि शिक्षा समाज में बदलाव लाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है और इसके लिए बजट का सबसे बड़ा हिस्सा आवंटित किया जाता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 से शिक्षा विभाग को विशेष प्राथमिकता दी है। उनके कार्यकाल में लाखों शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं, स्कूलों की संख्या में वृद्धि हुई और बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया। अब विभाग के साथ निजी क्षेत्र की सहायता से सीएसआर फंड का उपयोग किया जाएगा, जिससे बच्चों को आधुनिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "शिक्षा विभाग समाज को बदलने में सबसे बड़ा सहायक होता है। शिक्षा पर बजट भी सबसे ज्यादा है। लाखों शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं और स्कूलों की संख्या भी बढ़ी है। हमारी सोच यह है कि कॉर्पोरेट सेक्टर या एनजीओ की मदद से जो सीएसआर फंड है, उसका उपयोग कंप्यूटर लर्निंग और हेल्थ सेंटर में किया जाएगा। इस प्रकार, छात्राओं का भविष्य उज्जवल बनाया जा सकेगा, जिसके बेहतर परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे।"

बिहार में अब तक बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से ढाई लाख से अधिक शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों की नियुक्तियां हो चुकी हैं। टीईटी-4 के तहत लगभग 3.45 लाख भर्तियां पूरी की गई हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा, "अब तक बीपीएससी के द्वारा ढाई लाख से अधिक शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, और प्रधान शिक्षकों की नियुक्तियां हो चुकी हैं। आवश्यकता के अनुसार, हम वैकेंसी निकालते रहेंगे। टीईटी-4 के बाद टीईटी-5 भी आएगा। शिक्षा विभाग में जो नियुक्तियां हुई हैं, भविष्य में भी होंगी।" नीतीश कुमार की सरकार में बिहार में युवतियों को विभिन्न विभागों में 10 लाख नौकरियां मिली हैं।

Point of View

बल्कि छात्रों को भी आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को भी उपलब्ध कराएगा। यह निश्चित रूप से समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य सीएसआर फंड का उपयोग कर स्कूलों में कंप्यूटर लर्निंग और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना है।
कब से बिहार सरकार ने शिक्षा विभाग को प्राथमिकता दी है?
बिहार सरकार ने 2005 से शिक्षा विभाग को प्राथमिकता दी है।
क्या यह एमओयू छात्राओं के लिए फायदेमंद होगा?
हाँ, इस एमओयू का उद्देश्य विशेष रूप से छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाना है।