बिहार में वोटर लिस्ट में अचानक बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने सवाल उठाया? चुनाव आयोग ने दी सफाई

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बिहार में वोटर लिस्ट में अचानक बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने सवाल उठाया? चुनाव आयोग ने दी सफाई

सारांश

बिहार की वोटर लिस्ट में अचानक बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने 6 अक्टूबर को 7.42 करोड़ मतदाताओं की संख्या बताई थी, लेकिन मतदान के बाद यह बढ़कर 7.45 करोड़ हो गई। चुनाव आयोग ने इस बढ़ोतरी का स्पष्टीकरण दिया है। जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बिहार में मतदाता संख्या में 3 लाख की वृद्धि हुई है।
  • यह वृद्धि वैध आवेदनों के कारण है।
  • चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है कि प्रक्रिया सही थी।
  • कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया है।
  • निर्वाचक सूची में सभी योग्य नागरिकों को शामिल किया गया है।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि बिहार में चुनाव से पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 6 अक्टूबर को कुल निर्वाचकों की संख्या 7.42 करोड़ बताई थी, किंतु मतदान के बाद भारत निर्वाचन आयोग की प्रेस रिलीज में यह संख्या 7.45 करोड़ दिखाई गई है। अचानक 3 लाख नए निर्वाचक कैसे बढ़ गए? इस पर चुनाव आयोग ने अब स्पष्टीकरण दिया है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि 6 अक्टूबर को जो आंकड़ा 7.42 करोड़ बताया गया, वह 30 सितंबर को अंतिम बार प्रकाशित निर्वाचक सूची के आधार पर था। यह अंतिम सूची एक गहन जांच और पुनरीक्षण के बाद तैयार की गई थी।

चुनाव नियमों के अनुसार, चुनाव की घोषणा होने के बाद हर चरण में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक कोई भी योग्य नागरिक अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकता है। 1 अक्टूबर से लेकर नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक आने वाले सभी वैध आवेदन भी सूची में शामिल किए जा सकते हैं।

इसलिए, 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम सूची के बाद जो नए आवेदन आए, उनका मिलान और सत्यापन करके उनके नाम सूची में जोड़ दिए गए, ताकि कोई भी योग्य नागरिक वोटिंग से वंचित न रहे और सभी को मतदान का मौका मिले। इस कारण कुल निर्वाचकों की संख्या लगभग 3 लाख बढ़ गई।

जो 7.42 करोड़ की संख्या पहले बताई गई थी, वह केवल 30 सितंबर तक के डेटा पर आधारित थी। 7.45 करोड़ की संख्या, जो मतदान के बाद प्रेस रिलीज में दिखाई गई, वह सभी नए और वैध जोड़ों को मिलाकर तैयार की गई थी। यह प्रक्रिया नियमों के अनुसार की गई है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि अतिरिक्त 3 लाख वोटर आकस्मिक नहीं बढ़े, बल्कि समय पर मिले वैध आवेदनों के कारण उनकी संख्या में यह वृद्धि हुई।

Point of View

वह प्रक्रिया की कानूनी बारीकियों को स्पष्ट करता है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि सभी योग्य नागरिकों को मतदान का अवसर मिले। इस विषय पर एक निष्पक्ष दृष्टिकोण आवश्यक है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में वोटर लिस्ट में इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई?
यह बढ़ोतरी नए वैध आवेदनों के कारण हुई है, जो 30 सितंबर के बाद प्राप्त हुए।
क्या चुनाव आयोग ने इस बढ़ोतरी पर कोई स्पष्टीकरण दिया?
हां, चुनाव आयोग ने बताया कि यह संख्या नियमों के अनुसार बढ़ी है।
कांग्रेस के सवाल का क्या जवाब है?
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अतिरिक्त मतदाता आकस्मिक नहीं हैं, बल्कि वैध आवेदनों के कारण हैं।
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