क्या बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से स्थिति में सुधार होगा?

सारांश
Key Takeaways
- माओवादी स्मारक को ध्वस्त किया गया।
- भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए।
- सुरक्षा बलों की सर्चिंग अभियान में सफलता मिली।
- केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सलवाद के खिलाफ नीति की बात कही।
- आम नागरिकों में सुरक्षा का माहौल बनाने का प्रयास।
बीजापुर, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने माओवादी स्मारक को ध्वस्त कर दिया है। इस ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। यह कार्रवाई थाना पामेड़ और तर्रेम क्षेत्र में चलाए गए दो अलग-अलग अभियानों के दौरान हुई।
थाना पामेड़ क्षेत्र में कोबरा 208, केरिपु 228 और जिला सुकमा से आई कोबरा 203 की संयुक्त टीम ने माओवादी विरोधी अभियान के तहत गुंडराजगुड़ेम, बड़सेनपल्ली, मंगलतोर और उड़तामल्ला की ओर गहन सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान ग्राम उड़तामल्ला के जंगलों में माओवादियों द्वारा निर्मित स्मारक को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया।
वहीं, थाना तर्रेम क्षेत्र में जिला बल, थाना तर्रेम और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपु) की 170वीं बटालियन की संयुक्त टीम ने कोमटपल्ली के जंगलों में सर्चिंग अभियान चलाया। इस अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली और माओवादियों के छिपाए गए हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। बरामद किए गए सामान में भरमार बंदूक, बीजीएल राउंड, रॉड, विस्फोटक निर्माण सामग्री, एम्युनेशन पोच, प्रेशर कुकर के विभिन्न आकार, आरी ब्लेड और स्पीकर शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में कैंप स्थापना के बाद माओवादियों के स्मारक, अस्थायी ठिकाने और ट्रेनिंग कैंप को नष्ट किया गया है। यह कार्रवाई माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सुरक्षा बलों ने बताया कि इलाके में निरंतर गश्त और सर्चिंग जारी रहेगी, ताकि आम नागरिकों में सुरक्षा और विश्वास का माहौल बना रहे और माओवादी गतिविधियों को जड़ से समाप्त किया जा सके।
जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2023 से अब तक राज्य में करीब 450 माओवादी मारे जा चुके हैं। इसके अलावा, 1,500 से ज्यादा माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 1,500 से ज्यादा ने आत्मसमर्पण किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने की बात कही है। उन्होंने नक्सलियों से भी अपील की कि वे मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों।