क्या सीबीआई ने यूएई से नकली मुद्रा मामले के आरोपी मोइदीनब्बा उमर बेरी का प्रत्यर्पण किया?

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क्या सीबीआई ने यूएई से नकली मुद्रा मामले के आरोपी मोइदीनब्बा उमर बेरी का प्रत्यर्पण किया?

सारांश

सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय अपराध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मोइदीनब्बा उमर बेरी की वापसी से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्पित है। इस कदम से ना केवल न्याय की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने मोइदीनब्बा उमर बेरी का सफल प्रत्यर्पण किया।
  • बेरी पर नकली मुद्रा मामले में गंभीर आरोप हैं।
  • इंटरपोल और यूएई के सहयोग से गिरफ्तारी संभव हुई।
  • सीबीआई ने हाल के वर्षों में कई भगोड़ों को भारत लौटाया है।
  • यह कदम अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने में भारत की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है।

मुंबई, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सीमा पार अपराध प्रवर्तन में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों और इंटरपोल के साथ मिलकर एक हाई-प्रोफाइल नकली मुद्रा मामले के मुख्य आरोपी मोइदीनब्बा उमर बेरी की वापसी में सफलता प्राप्त की है। यह जानकारी जांच एजेंसी ने शुक्रवार को साझा की।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा वांछित बेरी शुक्रवार को यूएई से निर्वासित होकर मुंबई पहुंचा। वह दुबई से उड़ान संख्या एआई-920 के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरा।

सीबीआई की अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने अबू धाबी में राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर यूएई में बेरी को ट्रैक किया और उसकी स्थिति का पता लगाया। इंटरपोल के माध्यम से व्यापक समन्वय के बाद उसे पकड़ लिया गया और निर्वासित किया गया।

सीबीआई के अनुसार, बेरी के खिलाफ इंटरपोल ने 30 दिसंबर 2013 को एनआईए की कोच्चि शाखा द्वारा दर्ज मामले के आधार पर रेड नोटिस जारी किया था। उस पर दुबई में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) खरीदने और शारजाह के माध्यम से भारत में तस्करी करने का आरोप है, जिसकी खेप अंततः बेंगलुरु पहुंचती है।

बेरी के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप भी शामिल हैं।

यूएई में गिरफ्तारी के बाद, भारतीय अधिकारियों ने गृह मंत्रालय (एमएचए) और विदेश मंत्रालय (एमईए) के माध्यम से औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वांछित भगोड़ों के लिए इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया जाता है और इसे विश्वभर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है।

भारत में इंटरपोल के लिए नामित राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई भारतपोल नामक अपनी इंटरपोल इकाई के माध्यम से कार्य करती है, जो भारतीय और वैश्विक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग सुनिश्चित करती है।

हाल के वर्षों में सीबीआई ने इंटरपोल तंत्र के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों की भारत वापसी में सफलतापूर्वक समन्वय किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध से निपटने में इसकी बढ़ती प्रभावशीलता को रेखांकित करता है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति कितनी गम्भीरता से कार्य कर रहा है।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

मोइदीनब्बा उमर बेरी कौन है?
मोइदीनब्बा उमर बेरी एक आरोपी है, जिसे नकली मुद्रा मामले में वांछित किया गया था।
सीबीआई ने बेरी का प्रत्यर्पण कैसे किया?
सीबीआई ने यूएई अधिकारियों और इंटरपोल के साथ समन्वय करके बेरी का प्रत्यर्पण किया।
बेरी पर क्या आरोप हैं?
बेरी पर नकली भारतीय मुद्रा नोट खरीदने और तस्करी करने के आरोप हैं।
इंटरपोल रेड नोटिस क्या है?
इंटरपोल रेड नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय अनुरोध है, जो वांछित भगोड़ों की गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है।
सीबीआई की भूमिका क्या है?
सीबीआई भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में कार्य करती है।