क्या चंडीगढ़ में निवेशकों से ठगी के आरोप में ईडी ने एजेंट को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने नवाब हसन को गिरफ्तार किया।
- ठगी का जाल कई राज्यों में फैला हुआ है।
- धोखाधड़ी के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।
- बैंक खातों को सीज किया गया है।
- जांच अभी जारी है।
चंडीगढ़, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए कानून के तहत कार्रवाई करते हुए नवाब हसन नामक एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। उस पर निर्दोष व्यक्तियों को ठगने और अवैध रूप से जमा राशि को विदेश भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है। शुक्रवार को ईडी ने यह जानकारी दी कि एजेंसी ने यह कार्रवाई गुरुवार को की।
नवाब पर आरोप है कि उसने लोगों को बहकाकर एक बड़ी रकम जमा की। उसने क्यूएफएक्स, वाईएफएक्स, बॉटब्रो, बॉटअल्फा, क्रॉसएप्ला और माइनक्रिप्टो जैसी फर्जी शेल कंपनियों के माध्यम से स्कैम कर अवैध धन जुटाया और विदेश भेजा।
ईडी की चंडीगढ़ शाखा की जांच में पता चला कि यह पूरा जाल कई राज्यों में फैला हुआ है। एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और असम में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
आरोपियों ने लोगों को रोबोट और एआई-बॉट आधारित विदेशी मुद्रा व्यापार के जरिए हर महीने 5-6 प्रतिशत के रिटर्न का वादा किया था। निवेशकों से जमा पैसे वर्चुअल करेंसी एग्रीगेटर्स और यूएसडीटी के जरिए लिए गए। एक बार निवेश करने के बाद आईडी हटा दी जाती थीं। फिर कुछ महीने बाद भुगतान रोक दिया जाता था।
बाद में जमा पैसे को मुख्य आरोपी के करीबी सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां खरीदने और लग्जरी खर्च के लिए संयुक्त अरब अमीरात भेजा जा रहा था।
जांच में पता चला कि नवाब हसन 'ब्लू डायमंड एग्जीक्यूटिव' पद पर काम करता था और उसके नीचे 10 हजार से अधिक निवेशक जुड़े थे। वह कैश और ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से पैसे जुटाता था और निवेश करता था। वह दुबई में मौजूद मास्टरमाइंड लविश चौधरी से भी संपर्क में था। नवाब ने स्वीकार किया कि असली फॉरेक्स ट्रेडिंग नहीं हुई। नए निवेशकों से पैसा लेकर पुराने निवेशकों को भुगतान किया जाता था।
वह फरार मास्टरमाइंड लविश चौधरी से मिलने के लिए अक्सर यूएई जाता रहा है और फिर से दुबई जाने की योजना बना रहा था। नए निवेशकों में विश्वास और भरोसा जगाने के लिए उसने लविश चौधरी के साथ जूम कॉल मीटिंग में भी हिस्सा लिया था।
इससे पहले, शामली स्थित उसके घर की तलाशी में आम निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करके अर्जित 94.23 लाख रुपए बरामद किए गए थे।
असल में 19 सितंबर को पकड़े गए एजेंट हरिंदर पाल सिंह की निशानदेही पर नवाब की गिरफ्तारी की गई थी।
इस मामले में 26 अगस्त को ईडी ने आरोपियों की 45 संपत्तियां जब्त कीं, जिनकी कीमत 9.49 करोड़ रुपए से अधिक है। इससे पहले, 11 फरवरी और 4 जुलाई को कार्रवाई के दौरान 185 बैंक खातों को सीज किया गया था, जो फर्जी शेल कंपनियों से जुड़े थे। इन खातों में करीब 391 करोड़ रुपए की पीओसी का पता चला।
गिरफ्तार आरोपी नवाब को अदालत ने 9 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। फिलहाल, जांच एजेंसी इस स्कैम के पूरे नेटवर्क के खुलासे, दुबई में बैठे अन्य आरोपियों की पहचान करने और अवैध धन को सुरक्षित करने के लिए कार्रवाई कर रही है।