क्या सड़क मार्गों की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: सीएम भूपेंद्र पटेल?
सारांश
Key Takeaways
- राजमार्गों और नगरों में सड़क कार्यों की गुणवत्ता पर जोर।
- किसी प्रकार का कम्प्रोमाइज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- 30 नवंबर तक सड़क मार्गों की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश।
- सड़क मरम्मत कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता।
- सड़क निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
गांधीनगर, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में राजमार्गों और शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कम्प्रोमाइज या समझौता नहीं किया जाएगा। सीएम ने गुरुवार को गांधीनगर में उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी, वित्त मंत्री कनुभाई देसाई और मुख्य सचिव एमके दास की उपस्थिति में आयोजित बैठक में ये निर्देश दिए।
बैठक में महानगरों के महापौर, महानगर पालिकाओं की स्थायी समितियों के अध्यक्ष, आयुक्त और क्षेत्रीय महानगर पालिका आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और उन्होंने अपने नगरों-महानगरों के सड़क मार्गों की स्थिति का विवरण दिया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जब से शासन की जिम्मेदारी संभाली है, तब से राज्य में सड़क मार्गों और पुलों के निर्माण में गुणवत्ता पर लगातार जोर दिया है। जनहित के कार्यों में क्वॉलिटी में समझौता नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कई बार इस बात को दोहराया है। हाल ही में 3 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। इसके अलावा, हल्की गुणवत्ता के कार्य करने वाले 13 से अधिक ठेकेदारों को इस वर्ष ब्लैक लिस्ट करने के कड़े कदम भी उठाए गए हैं।
सीएम ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि सड़कों के पोटहोल्स भरने के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करना आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों, मनपा आयुक्त और उपायुक्त को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से फील्ड विजिट कर कार्यों की गुणवत्ता की जांच करें और 30 नवंबर तक सड़क मार्गों की समग्र स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर पुलों का निर्माण हो रहा है, वहां डाइवर्जन के लिए आरसीसी सड़क का निर्माण किया जाए ताकि नागरिकों को परिवहन में कोई परेशानी न हो। इसके लिए भी उन्होंने बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि वे अपने जिलों में सड़कों की स्थिति की समीक्षा बैठक कर 30 नवंबर तक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि जो सड़क मार्ग मैंटेनेंस गारंटी पीरियड में टूट जाएं, उनके ठेकेदारों को तुरंत ब्लैक लिस्ट करने सहित कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने इस बैठक में कहा कि शहरों में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, और बाजार जैसे स्थलों पर, जहां लोगों की अधिक आवाजाही होती है, वहां शहरी प्रशासन और सड़क एवं भवन विभाग को इस तरह सड़क मरम्मत के कार्य करने चाहिए कि लोगों को इसका अनुभव हो। उन्होंने सड़क मरम्मत से संबंधित शिकायतों का त्वरित निराकरण करने और अन्य मरम्मत एवं नए सड़क निर्माण कार्यों को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार एसएस राठौड़, शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव एम. थेन्नारसन, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह, कमिशनर ऑफ म्युनिसिपालिटीज रेम्या मोहन, सड़क एवं भवन विभाग के सचिव प्रभात पटेलिया, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) धीरज पारेख, और सड़क एवं भवन तथा शहरी विकास विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।