क्या सीएम धामी के निर्देश पर एंजेल चकमा के परिजनों को आर्थिक सहायता मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री धामी ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की।
- पहली किश्त में 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की राशि दी गई।
- पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- राज्य सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- कानून-व्यवस्था और सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
देहरादून, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की नृशंस हत्या की घटना के संबंध में पीड़ित परिवार को त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। प्रारंभिक किश्त के रूप में 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की राशि एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा को जारी की गई है। यह सहायता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम–1989 एवं नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम–1955 के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को भेजा गया था। उपजिलाधिकारी विकासनगर एवं पुलिस उपाधीक्षक की संयुक्त जांच रिपोर्ट के बाद, जिलास्तरीय समिति से त्वरित स्वीकृति प्राप्त कर आर्थिक सहायता जारी की गई। पहले किस्त का चैक एंजेल के पिता को भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को फोन पर तरुण प्रसाद चकमा से बातचीत कर एंजेल चकमा की हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य वांछित आरोपी पर इनाम घोषित कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया और कहा कि उत्तराखंड सरकार दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में अध्ययनरत नॉर्थ ईस्ट के छात्र एंजेल चकमा की हत्या एक अत्यंत दुखद घटना है। यह केवल एक छात्र की मृत्यु नहीं, बल्कि एक परिवार के सपनों और उम्मीदों का अंत है। उन्होंने दिवंगत एंजेल चकमा के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार इस दुःख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस गंभीर मामले में पुलिस द्वारा त्वरित, संवेदनशील और सख्त कार्रवाई की गई है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के अनुसार कठोर दंड दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक शांत, समावेशी और सौहार्दपूर्ण राज्य है, जहां देश के हर कोने से आने वाले छात्र सुरक्षित महसूस करें, यह सरकार और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। नॉर्थ ईस्ट सहित अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है।