क्या यूपी के सीएम योगी ने मुस्तफाबाद का नाम 'कबीरधाम' रखने की घोषणा की?

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क्या यूपी के सीएम योगी ने मुस्तफाबाद का नाम 'कबीरधाम' रखने की घोषणा की?

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में 'कबीरधाम' नामकरण की घोषणा की। उन्होंने धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार, विकास, और नशामुक्ति पर जोर दिया। पढ़ें, कैसे सरकार समाज की एकता के लिए काम कर रही है।

Key Takeaways

  • मुस्तफाबाद का नाम बदलकर कबीरधाम रखा गया है।
  • धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार किया जा रहा है।
  • नशा मुक्ति और गो सेवा पर जोर दिया गया है।
  • सीएम योगी ने राष्ट्रभक्ति और समाज की एकता की आवश्यकता पर बल दिया।
  • नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

लखीमपुर खीरी, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित विश्व कल्याण आश्रम का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘स्मृति प्राकट्योत्सव मेला-2025’ में हिस्सा लिया और पूज्य संतों को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में प्रदेश के धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, जबकि पहले यही धन कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाने में खर्च होता था। उन्होंने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर कबीरधाम रखने की घोषणा की।

सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में अयोध्या को फैजाबाद, प्रयागराज को इलाहाबाद और कबीरधाम को मुस्तफाबाद के रूप में पहचाना गया था। हमने इन स्थलों की पहचान वापस लौटाई है। विपक्ष इसे सेक्युलरिज्म के नाम पर करता था, जबकि यह पाखंड है।

कबीरधाम आश्रम में आयोजित इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रभक्ति, सनातन परंपरा, विरासत के सम्मान और विकास की दिशा में सरकार की उपलब्धियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। सीएम योगी ने कहा कि संत कबीरदास जी की वाणी आज भी समाज का मार्गदर्शन कर रही है। उन्होंने निर्गुण भक्ति की धारा प्रवाहित की जो समाज की विसंगतियों को तोड़कर आत्मा और परमात्मा का संबंध सरल शब्दों में आमजन को समझाने में सफल रही।

सीएम योगी ने कहा कि 'गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पांव...' यह दोहा आज भी हमें गुरु के महत्व का स्मरण कराता है। संतों की वाणी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी सैकड़ों वर्ष पूर्व थी। कबीरदास जी ने उस दौर में समाज की जातीय विषमताओं पर प्रहार कर कहा था, 'जाति पाति पूछे न कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।' यह वाणी हमारे समाज की एकता और अखंडता की आधारशिला है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश की एकता को तोड़ने वाली शक्तियों से सावधान रहने की आवश्यकता है। आज भी समाज विरोधी ताकतें आस्था पर प्रहार करने और जाति के नाम पर विभाजन करने की कोशिश कर रही हैं। यदि हम समय रहते अपनी कमजोरियों को नहीं पहचानेंगे तो ये बीमारियां कैंसर की तरह समाज को खोखला कर देंगी।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रभक्ति ही सभी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसे सीमावर्ती जिलों में भी विकास की नई धारा बह रही है। गांव-गांव सड़कें बन रही हैं, मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है, एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि गोला गोकर्णनाथ धाम और कबीरधाम जैसे धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार से आस्था और पर्यटन दोनों को बल मिल रहा है।

सीएम योगी ने संत असंगदेव जी महाराज के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे धर्म, नशा मुक्ति और राष्ट्र चेतना का अद्भुत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नशा मुक्ति पर बोलते हुए कहा कि नशा नाश का कारण है। विदेशी ताकतें हमारे युवाओं को बर्बाद करने की साजिश रच रही हैं। फोन का उपयोग सीमित करें और आत्मविकास पर ध्यान दें।

सीएम योगी ने गो सेवा और नेचुरल फार्मिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर गाय के लिए सरकार 1500 रुपये प्रतिमाह दे रही है। गोमाता के संरक्षण के लिए जनप्रतिनिधियों को गोशालाओं की देख-रेख करनी चाहिए। रासायनिक खेती से जमीन ऊसर हो रही है, इसलिए नेचुरल फार्मिंग अपनाएं।

Point of View

और सरकार के प्रयासों को देखे। सीएम योगी का यह कदम धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और समाज की एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। ऐसे प्रयासों से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह समाज में एकता और अखंडता को भी मजबूती देगा।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी ने कबीरधाम की घोषणा कब की?
सीएम योगी ने यह घोषणा 27 अक्टूबर 2023 को लखीमपुर खीरी के विश्व कल्याण आश्रम में की।
कबीरधाम का नामकरण क्यों किया गया?
कबीरधाम का नामकरण धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और समाज की एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।
सीएम योगी ने और कौन-कौन सी बातें कहीं?
सीएम योगी ने नशा मुक्ति, गो सेवा, और नेचुरल फार्मिंग पर भी जोर दिया।