क्या पटना में सीपीआई माले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा?

सारांश
Key Takeaways
- ड्राफ्ट मतदाता सूची में अनियमितताओं की पहचान की गई है।
- सीपीआई माले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
- बूथ चलो अभियान सात अगस्त तक चलेगा।
- पारदर्शिता और सार्वजनिक भरोसा महत्वपूर्ण हैं।
- मतदाता के अधिकारों की सुरक्षा जरूरी है।
पटना, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में भारत निर्वाचन आयोग ने पहली अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की। इसके बाद सीपीआई माले ने शनिवार को बूथ चलो अभियान की शुरुआत की। यह अभियान सात अगस्त तक चलेगा।
इसमें चुनाव आयोग की खामियों को उजागर किया जा रहा है। इसी क्रम में दो जीवित मतदाताओं को मृतक की सूची में डालने का मामला पार्टी ने सामने लाया है। इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा गया है।
सीपीआई माले ने चुनाव आयोग को पत्र में यह उल्लेख किया है कि एसआईआर के पहले चरण में कुल 65,64,075 मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। आयोग के अनुसार, जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनके फॉर्म न मिलने या अस्वीकृत होने के तीन कारण बताए गए हैं। इनमें मतदाता की मृत्यु, स्थायी रूप से घर छोड़ देना, और मतदाता का नाम दो स्थानों पर पाया जाना शामिल है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि हम आपसे निवेदन करते हैं कि विधानसभा और बूथ के अनुसार उन सभी मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराएं, जिनके नाम हटाए गए हैं। इस सूची में प्रत्येक मतदाता का पूरा नाम, ईपीआईसी नंबर, पूरा पता, फॉर्म न मिलने या अस्वीकृति का कारण, किस आधार पर कारण तय किया गया, इसका स्पष्ट विवरण, और जानकारी दर्ज करने वाले अधिकारी का नाम और पद शामिल होना चाहिए।
पत्र में आगे कहा गया है कि यह जानकारी सार्वजनिक भरोसे और पारदर्शिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी, जो बिना किसी जानकारी या अवसर के मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। कृपया यह सूची प्रमाणित रूप में प्रिंट और सॉफ्ट कॉपी में इस पत्र की प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर उपलब्ध कराएं।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह दावा किया था कि चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के इस दावे को खारिज कर दिया है।