क्या दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में बच्चों के डूबने की घटनाएँ मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं?

Click to start listening
क्या दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में बच्चों के डूबने की घटनाएँ मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं?

सारांश

दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में बच्चों के डूबने की घटनाओं पर एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया है। यह लापरवाही का गंभीर मामला है, जिसमें प्राधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं। जानिए आयोग के कदम और इसकी गंभीरता।

Key Takeaways

  • दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में बच्चों के डूबने की घटनाएँ हुईं।
  • एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया है।
  • प्राधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
  • आयोग ने रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
  • यह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में सार्वजनिक स्थानों पर दो बच्चों के डूबने की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग का मानना है कि ये दोनों घटनाएं सार्वजनिक प्राधिकारियों की लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।

दिल्ली के मामले में, आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी किया है। दूसरी ओर, ग्रेटर नोएडा की घटना में, आयोग ने जीएनडीए के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस दिया है। आयोग ने इन प्राधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह घटनाएँ 7 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर के ग्रेटर नोएडा और दिल्ली में हुई थीं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अनुसार, उन्होंने इन दोनों मामलों का स्वतः संज्ञान लिया है। दिल्ली में यह घटना उत्तर-पश्चिम जिले के महेंद्र पार्क क्षेत्र में हुई, जहाँ 4 साल का एक बच्चा खुले नाले में गिरकर मृत हो गया।

यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में खुले नालों या मैनहोल में गिरकर लोगों की मौत के कई मामले सामने आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए, आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है। पिछले वर्ष भी आयोग ने इसी तरह के एक मामले का संज्ञान लिया था।

आयोग ने निर्देश दिया है कि चार सप्ताह के भीतर इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित एक पार्क से संबंधित है, जहाँ एक छह साल का बच्चा जलाशय में डूब गया था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, स्थानीय निवासियों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (जीएनडीए) को पार्क के फव्वारे के क्षेत्र में जलभराव की सूचना पहले ही दी थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

आयोग का कहना है कि यदि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित एक गंभीर मुद्दा है। आयोग ने दिल्ली में हुई घटना के संदर्भ में मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में हुई घटना में भी आयोग ने जीएनडीए के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन, विशेषकर बच्चों के मामले में, हमारे समाज की सुरक्षा और जिम्मेदारी पर गहरा सवाल खड़ा करता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभाएं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

एनएचआरसी ने क्यों संज्ञान लिया?
एनएचआरसी ने बच्चों के डूबने की घटनाओं पर सार्वजनिक प्राधिकारियों की लापरवाही के कारण स्वतः संज्ञान लिया।
क्या आयोग ने प्राधिकारियों को नोटिस जारी किया?
हाँ, आयोग ने संबंधित प्राधिकारियों को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
घटनाएँ कब हुईं?
ये घटनाएँ 7 जुलाई को दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में हुई थीं।