क्या अग्निशमन व्यवस्था को आधुनिक और दक्ष बनाना है हमारा लक्ष्य? - सीएम रेखा गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फायर एनओसी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया है।
- दिल्ली सरकार सुरक्षा मानकों की नियमित जांच पर जोर दे रही है।
- आग से सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- व्यापारियों को बिना अनावश्यक परेशानी के काम करने में मदद मिलेगी।
- दिल्ली की अग्निशमन व्यवस्था को आधुनिक और दक्ष बनाने का लक्ष्य है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना को देखते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) को सख्त निर्देश दिए हैं कि आग से सुरक्षा से संबंधित एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और सुगम बनाया जाए। इससे होटल, रेस्तरां, नाइट क्लब, मल्टीप्लेक्स और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बिना किसी अनावश्यक परेशानी का सामना करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि एनओसी प्रणाली का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को हतोत्साहित करना नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फायर विभाग को सभी प्रकार के आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। यदि विभाग को किसी भी प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता हो, तो वह सरकार को सूचित करे, और सरकार उसे उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में अग्निशामक विभाग के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, फायर सर्विस विभाग और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि किसी नियम के कारण वास्तविक आवेदकों को कठिनाई हो रही है, तो इसे तुरंत सरकार के संज्ञान में लाया जाए ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनओसी जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अस्पष्टता या अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए। लाइसेंस देने की प्रक्रिया को साफ, सरल और समयबद्ध बनाया जाना चाहिए ताकि व्यापारियों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। उनका लक्ष्य है कि दिल्ली की अग्निशमन व्यवस्था आधुनिक, दक्ष और नागरिकों का विश्वास जीतने वाली बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए लगातार नीतिगत सुधार कर रही है। सरकार की नीति है कि कारोबार शुरू करने और चलाने की प्रक्रियाएं सरल, पारदर्शी और समयबद्ध हों।
उन्होंने बताया कि फायर एनओसी जैसे लाइसेंस भी इसी विजन का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य व्यापारियों को परेशान करना नहीं, बल्कि सुरक्षित तरीके से व्यवसाय की अनुमति देना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की इस नीति के अनुरूप सभी विभागीय प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में लगातार सुधार कर रही है, ताकि राजधानी में उद्योग, होटल और सेवा क्षेत्र को बिना किसी प्रशासनिक बाधा का सामना करना पड़े।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने गोवा में नाइट क्लब में लगी आग की घटना का उल्लेख करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की, जिसमें 25 लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि दिल्ली को हमेशा सतर्क रहना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बड़े आयोजनों, होटलों, रेस्टोरेंटों और क्लबों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच बेहद आवश्यक है ताकि ऐसे हादसों को पहले ही रोका जा सके।