क्या दिल्ली में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है? 6 महीने पहले हमारी सरकार ने की थी तैयारी: प्रवेश वर्मा

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार ने बाढ़ की स्थिति को नियंत्रण में रखा है।
- प्रवेश वर्मा ने छह महीने पहले से तैयारियों की बात की।
- यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक पहुँचने पर भी जलभराव नहीं हुआ।
- सरकार ने बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
- दिल्लीवासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस बीच, दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया है कि बाढ़ जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार ने सम्पूर्ण तैयारी की हुई है।
प्रवेश वर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और दिल्लीवासियों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। जलस्तर इस समय अपने उच्चतम स्तर पर है और पानी थोड़ा और बढ़ सकता है, लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब हमारी सरकार का गठन हुआ था, तब हमने छह महीने पहले ही ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी थीं। हमें यह पता था कि मानसून के दौरान बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हमने तभी से अपनी तैयारियों को मजबूत किया।"
प्रवेश वर्मा ने यह भी बताया कि 2023 में दिल्ली में आई बाढ़ के दौरान कई स्थानों पर पानी भर गया था। उस समय हथिनीकुंड बैराज से 3.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इस बार भी समान मात्रा में पानी छोड़ा गया, लेकिन दिल्ली की सड़कों पर कहीं भी जलभराव नहीं हुआ। यह दर्शाता है कि दिल्ली सरकार ने पिछले छह महीनों में बाढ़ से निपटने की व्यापक तैयारी की है।
उन्होंने आगे कहा कि पहले यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंचने पर दिल्ली में पानी घुस जाता था, लेकिन इस बार 207 मीटर तक जलस्तर पहुंचने के बावजूद सड़कों पर पानी नहीं दिखा।
वर्मा ने कहा, "अगर जलस्तर एक-दो मीटर और बढ़ता है, तब भी स्थिति नियंत्रण में रहेगी। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने पिछले छह महीनों में अद्भुत कार्य किया है।"
इससे पूर्व, मंगलवार को दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ जैसी आपदा से निपटने में किसी भी स्तर पर लापरवाही या ढिलाई को हरगिज सहन नहीं किया जाएगा।