क्या पुराने वाहनों की उम्र नहीं, प्रदूषण तय करे उनकी विदाई? : मनजिंदर सिंह सिरसा (आईएएनएस इंटरव्यू)

सारांश
Key Takeaways
- प्रदूषण स्तर के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
- पुराने वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक किट की योजना।
- उम्र के बजाय उत्सर्जन पर ध्यान दें।
- दिल्ली में कचरा प्रबंधन पर जोर।
- सड़क की संरचना को मजबूत करने की दिशा में प्रयास।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पुराने वाहनों को हटाने के लिए नियमों पर एक नई चर्चा आरंभ की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी वाहन को कब सड़क से हटाना है, इसका आधार उसकी उम्र नहीं, बल्कि उसका प्रदूषण स्तर होना चाहिए।
राष्ट्र प्रेस को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में सिरसा ने कहा, "चाहे वह दोपहिया हो या तिपहिया, उन्हें सड़क से हटाने का निर्णय उनकी असली प्रदूषण क्षमता पर निर्भर होना चाहिए, न कि केवल उनकी उम्र पर।"
उन्होंने यह भी बताया कि एक ही श्रेणी के वाहनों में प्रदूषण स्तर में काफी अंतर हो सकता है। कई दोपहिया वाहन केवल 5 वर्षों में ही अधिक प्रदूषण फैलाने लगते हैं, जबकि कुछ चारपहिया वाहन 10 साल बाद भी साफ-सुथरे रह सकते हैं, विशेषकर यदि उनका उपयोग सीमित हो। ऐसे में सभी वाहनों पर एक ही उम्र सीमा लगाना उचित नहीं है।
पुराने वाहनों के 'एंड-ऑफ-लाइफ' पर मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार पुराने स्कूटर्स के लिए एक इलेक्ट्रिक किट उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, "हम पुराने स्कूटरों को कबाड़ में भेजने की बजाय उन्हें इलेक्ट्रिक में बदलने पर काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य उन्हें बेकार नहीं, बल्कि उपयोगी बनाना है।"
दिल्ली सरकार जहां प्रदूषण फैलाने वाले चारपहिया वाहनों पर सख्त रुख अपना रही है, वहीं सिरसा ने सुझाव दिया कि भविष्य में नीति निर्धारण में उम्र नहीं बल्कि उत्सर्जन आधारित मानक अपनाए जाने चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया, "अगर कोई वाहन प्रदूषण नहीं कर रहा है, तो केवल इसलिए उसे बैन करना कि वह 10 साल पुराना है, ये तर्कसंगत नहीं है। निर्णय प्रदूषण स्तर के आधार पर होना चाहिए, निर्माण वर्ष के आधार पर नहीं।"
दिल्ली में हर साल सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सरकार अपनी नीतियों को तकनीक और वायु गुणवत्ता के लक्ष्यों के साथ समन्वित करने की दिशा में काम कर रही है। सिरसा की यह टिप्पणी संकेत देती है कि राजधानी में वाहन संबंधी पर्यावरण नियम अब अधिक वैज्ञानिक और लचीले हो सकते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के अन्य उपायों पर बात करते हुए मंत्री ने जानकारी दी, "हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सबसे बड़ी पहल दिल्ली के कचरा पहाड़ों को हटाने की है। अब तक हमने लगभग 30 प्रतिशत कचरा हटाया है। 200 एकड़ में से 35 एकड़ जमीन को साफ कर बांस लगाए गए हैं। हमने कई स्थानों पर वॉटर स्प्रिंकलर्स लगाए हैं। पीडब्ल्यूडी की सड़कों की मशीनों से सफाई शुरू की गई है और सभी नई निर्माण स्थलों पर डीपीसी मॉनिटरिंग अनिवार्य की गई है। हम दिल्ली की सड़कों की संरचना को भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।