क्या ढाका विमान हादसे में भारत ने बांग्लादेश को सहायता देने की पेशकश की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने बांग्लादेश को चिकित्सा सहायता की पेशकश की।
- पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया।
- हादसे में 27 लोग मारे गए, जिनमें 25 छात्र हैं।
- घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।
- यह घटना दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। माइलस्टोन स्कूल के दुर्घटना को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसी संदर्भ में, भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को औपचारिक रूप से बांग्लादेश सरकार को पत्र भेजा है।
भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह हादसे में घायल हुए व्यक्तियों के लिए भारत में आवश्यक चिकित्सा सहायता की जानकारी साझा करे।
इसके साथ ही, भारतीय उच्चायोग ने यह भी बताया कि घायलों के उपचार के लिए भारत की ओर से सभी आवश्यक सुविधाएं और समर्थन प्रदान किया जाएगा।
ढाका विमान हादसे के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर लिखा, "ढाका में हुए विमान हादसे में कई लोगों की (जिनमें अधिकतर छात्र शामिल हैं) मौत और घायल होने की ख़बर से मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। हम इस कठिन समय में परिवारों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। भारत इस संकट के समय में बांग्लादेश के साथ खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।"
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने मंगलवार को बताया कि इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है, जिनमें 25 छात्र हैं। इनमें से कई छात्र 12 वर्ष से कम उम्र के हैं। अन्य दो पीड़ितों में विमान का पायलट और एक स्कूल शिक्षिका शामिल हैं।
लगभग 78 लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है। 20 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं, जबकि छह शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है; इनके डीएनए सैंपल लिए गए हैं।
यह उल्लेखनीय है कि सोमवार को वायुसेना का एफ-7 बीजीआई ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:06 बजे उड़ान भरा था। लगभग डेढ़ बजे यह एयरक्राफ्ट ढाका के उत्तरा स्थित माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज की इमारत से टकरा गया।