क्या ईडी ने अलफुरकान ट्रस्ट पर बड़ी कार्रवाई की, सादिक क्यों गिरफ्तार हुए?

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क्या ईडी ने अलफुरकान ट्रस्ट पर बड़ी कार्रवाई की, सादिक क्यों गिरफ्तार हुए?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने अलफुरकान ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष सादिक खान को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई संदिग्ध गतिविधियों और बड़े पैमाने पर अवैध धन के लेनदेन के आरोपों के चलते की गई। जानें इस कार्रवाई के पीछे की कहानी और क्या हैं इसके गंभीर आरोप।

Key Takeaways

  • ईडी ने सादिक को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया।
  • सादिक पर अवैध गतिविधियों का आरोप है।
  • जांच में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है।
  • सादिक ने कट्टरपंथी नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए धन का उपयोग किया।
  • उसकी विदेश यात्राएं भी संदिग्ध पाई गईं।

जयपुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अलफुरकान ट्रस्ट के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जयपुर जोनल ऑफिस ने अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट (एईटी), बीकानेर के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद सादिक उर्फ सादिक खान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है।

सादिक पर सार्वजनिक दान को योजनाबद्ध तरीके से दूसरी जगह भेजने, बड़े पैमाने पर नकद आधारित अवैध गतिविधियों में शामिल रहने, संदिग्ध विदेशी संगठनों से संपर्क रखने और कट्टरपंथी नेटवर्क को बढ़ावा देने का आरोप है।

गिरफ्तारी के बाद उसे 4 दिसंबर को जयपुर की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने आगे की जांच के लिए 6 दिसंबर तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया।

ईडी ने यह जांच राजस्थान पुलिस की दो एफआईआर और विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर शुरू की थी। एफआईआर में सादिक पर कट्टरपंथी गतिविधियों, दावा मॉड्यूल से जुड़े होने, जबरन धर्म परिवर्तन और विदेशों से जुड़े कट्टरपंथी संगठनों में सक्रिय रहने के आरोप शामिल थे।

पुलिस चार्जशीट में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश और अवैध हथियारों के इस्तेमाल के गंभीर आरोप भी दर्ज हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि सादिक और उसके परिवार के बैंक खातों में करोड़ों रुपए के संदिग्ध लेनदेन हुए थे।

ईडी की जांच से यह सामने आया है कि सादिक ने अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट की स्थापना की थी। यह ट्रस्ट मस्जिद-ए-आयशा को संचालित करता है। ट्रस्ट बड़े पैमाने पर पब्लिक डोनेशन इकट्ठा करता था, लेकिन इनका कोई वित्तीय रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था।

आरोप है कि धार्मिक और सामाजिक कार्यों के नाम पर जुटाई गई रकम सादिक ने निजी नियंत्रण में रखी और ज्यादातर नकद को बिना किसी हिसाब-किताब के व्यक्तिगत खर्चों और विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया। जांच के अनुसार, बिना हिसाब वाले कैश का उपयोग उसने कथित तौर पर कट्टरपंथी एजेंडा बढ़ाने, विदेशी यात्राओं और कई संदिग्ध संपर्कों को फाइनेंस करने में किया।

विदेश यात्राओं की जांच में पता चला कि सादिक ने कोई वैध आर्थिक स्रोत बताए बिना बांग्लादेश, नेपाल, कतर और ओमान की यात्राएं कीं। बांग्लादेश में उसने मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ वैद्य व्यक्ति के साथ काम किया, जिसे बाद में मध्य प्रदेश एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में यह भी पाया गया कि कई वर्षों तक सादिक की कोई वैध आय नहीं थी और वह जुआ, अवैध शराब धंधे और देसी हथियारों की संदिग्ध डीलिंग जैसे अवैध कैश-बेस्ड कामों पर निर्भर था।

एक पुलिस केस में उसके और उसके साथियों के पास से तीन देसी हथियार और जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे, जिसने डोनेशन और अपराधी गतिविधियों के बीच कड़ी को और मजबूत किया।

ईडी की जांच से यह भी सामने आया है कि सादिक ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी/जेयूएम) के सदस्यों से मुलाकात की थी और भारत लौटने के बाद भी उनसे संपर्क बनाए रखा।

जेएमबी से जुड़े लोगों ने उसे नेपाल में आगे की बैठकों के लिए भी उकसाया था। आरोप है कि सादिक संघर्ष क्षेत्रों में जाने के लिए सीरिया जाने वाला था, लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे समय रहते रोक लिया।

जांच के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो की भी जांच की गई, जिसमें सादिक को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देते देखा गया था। आरोप है कि इस भाषण का मकसद सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना था। इसके अलावा, उसकी मौजूदगी में सार्वजनिक कार्यक्रमों में विदेशी देशों के झंडे जलाए गए और ऐसे प्रदर्शनों के जरिए उसने लोगों के भावनात्मक शोषण से कैश डोनेशन जुटाए।

Point of View

बल्कि समाज में व्याप्त अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश देने का भी है। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि सरकार ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है जो समाज में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

सादिक को क्यों गिरफ्तार किया गया?
सादिक को पीएमएलए के तहत सार्वजनिक दान के अवैध उपयोग, कट्टरपंथी गतिविधियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अलफुरकान ट्रस्ट क्या है?
अलफुरकान ट्रस्ट एक शैक्षिक ट्रस्ट है जो मस्जिद-ए-आयशा का संचालन करता है और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक दान इकट्ठा करता है।
ईडी की जांच का आधार क्या था?
ईडी की जांच राजस्थान पुलिस की दो एफआईआर और विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर की गई थी।
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