क्या चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की? भाजपा ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की!

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने निर्वाचन आयोग को 16 सूत्री सुझाव दिया।
- धार्मिक स्थलों पर मतदान केंद्रों का स्थानांतरण आवश्यक है।
- मतदाता स्लिप की सही वितरण प्रक्रिया पर जोर दिया गया।
- स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए नए सुझाव दिए गए।
- केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स का फ्लैग मार्च कराने की मांग की गई।
पटना, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए शनिवार को चुनाव आयोग ने राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार और मांगें चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत की।
भाजपा ने चुनाव आयोग के समक्ष 16 सूत्री मांगें और सुझाव पेश किए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि भाजपा ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने की मांग उठाई है। इसके साथ ही भाजपा ने मतदाता सूची की तैयारी को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग की सराहना की।
भाजपा ने चुनाव आयोग को बताया कि बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्र धार्मिक स्थलों पर स्थित हैं। बार-बार निवेदन करने के बावजूद इन मतदान केंद्रों को नहीं बदला जा रहा है। यह सभी मतदान केंद्र पिछले 30 वर्षों से बने हुए हैं। पहले इन क्षेत्रों में कोई सरकारी भवन या स्कूल-कॉलेज नहीं थे, लेकिन अब सभी स्थानों पर मतदाताओं के निकट स्कूल और कॉलेज मौजूद हैं। चुनाव से पहले इन मतदान केंद्रों की जांच कर नए सरकारी भवनों में मतदान केंद्र बनाने की मांग की गई है।
भाजपा ने यह भी कहा है कि चुनाव प्रारंभ होते ही मतदाता स्लिप को सही तरीके से वितरित किया जाए ताकि मतदाता उसे लेकर मतदान केंद्र पर पहुंच सकें। इसके अलावा, भाजपा ने चुनाव के एक दिन पहले केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स का फ्लैग मार्च कराने और चुनाव के दिन जिला तथा विधानसभा क्षेत्र की सीमा को सील करने की मांग रखी। भाजपा ने स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदान केंद्र पर ढके हुए चेहरे वाले मतदाताओं के चेहरे का मिलान स्वीकृत पहचान पत्र से करने तथा पहचान सुनिश्चित होने के बाद ही उन्हें मतदान की अनुमति देने की बात की।