क्या गोवा में ईडी ने 212.85 करोड़ से अधिक की अचल संपत्तियों को कुर्क किया?

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क्या गोवा में ईडी ने 212.85 करोड़ से अधिक की अचल संपत्तियों को कुर्क किया?

सारांश

गोवा में प्रवर्तन निदेशालय ने 212.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्रवाई संगठित अपराध के खिलाफ हो रही जांच का हिस्सा है। जानिए इस मामले की गंभीरता और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने 212.85 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।
  • संगठित अपराध के खिलाफ जांच चल रही है।
  • मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर है।
  • जांच पीएमएलए, 2002 के तहत की जा रही है।
  • धन शोधन के पूरे दायरे का खुलासा किया जाएगा।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने गोवा में 212.85 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत गोवा राज्य के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित अचल संपत्तियों पर ये कार्रवाई की है।

ईडी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने 28 जुलाई को गोवा के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित कई अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिनका मूल्य 212.85 करोड़ रुपए है। यह कार्रवाई रोहन हरमलकर और उनके सहयोगियों के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक गिरोह द्वारा किए गए भूमि हड़पने और जालसाजी की व्यापक साजिश की चल रही जांच के संबंध में की गई है।

ईडी के अनुसार, गोवा पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर जांच शुरू की गई है। ये एफआईआर रोहन हरमलकर और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई थीं। उन पर जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जी पहचान का इस्तेमाल करने और नकली दस्तावेजों के जरिए उत्तर गोवा में जमीन के टुकड़े धोखे से हड़पने के आरोप हैं।

ईडी की जांच में पता चला है कि रोहन हरमलकर ने अलकांट्रो डिसूजा और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आपराधिक षड्यंत्र रचा, जिसके तहत अंजुना, रेवोरा, नडोरा, कैमुरलिम, पर्रा, और बारदेज तालुका व मापुसा शहर, गोवा के आसपास के अन्य क्षेत्रों में स्थित उच्च मूल्य की संपत्तियों को हड़पने की साजिश रची गई।

पीएमएलए जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने कीमती अचल संपत्तियों पर झूठा मालिकाना हक जताने के लिए नकली वंशावली रिकॉर्ड, फर्जी बिक्री विलेख, जाली वसीयत, बदली गई इन्वेंट्री कार्यवाहियां और अन्य नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके जरिए वे इन संपत्तियों को वैध दिखाने की कोशिश कर रहे थे। इस तरह उन्होंने बड़ी मात्रा में अपराध की कमाई (पीओसी), जो पीएमएलए की धारा 2(1)(यू) के तहत परिभाषित है, उत्पन्न की।

अपराध से कमाई गई रकम (पीओसी) का एक हिस्सा सीधे रोहन हरमलकर, अलकांट्रो डिसूजा और अन्य आरोपियों को मिला। बाद में इस रकम को उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों के जरिए घुमाया गया। इस अवैध कमाई को अलग-अलग खातों से गुजारकर और मिलाकर ऐसे दिखाया गया कि जैसे वह वैध (साफ-सुथरी) हो, ताकि काले धन को सफेद किया जा सके।

ईडी के अनुसार, अब तक 212.85 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की कई अचल संपत्तियां, जो सीधे पीओसी का हिस्सा हैं, उसकी पहचान की गई है और पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से उसे कुर्क किया गया है।

साथ ही बाकी पीओसी का पता लगाने और कुर्क करने के प्रयास जारी हैं ताकि धन शोधन के पूरे दायरे का खुलासा किया जा सके। मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर को जून में पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

Point of View

NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कितनी संपत्तियों को कुर्क किया है?
ईडी ने 212.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है।
मुख्य आरोपी कौन है?
मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर है।
यह कार्रवाई किस कानून के तहत की गई है?
यह कार्रवाई पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।