क्या हल्दी-दूध है दादी का नुस्खा जिसे विज्ञान ने भी माना है सुपर ड्रिंक?

सारांश
Key Takeaways
- हल्दी-दूध एक प्राकृतिक औषधि है।
- इसमें मेलाटोनिन होता है, जो नींद को सुधारता है।
- यह कैंसर से बचाव करने में मददगार है।
- सुंदरता के लिए कोलेजन का निर्माण बढ़ाता है।
- काली मिर्च मिलाने से इसका प्रभाव बढ़ता है।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मसाला है जो न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि औषधि के रूप में भी कार्य करता है? वह है हल्दी। जब हल्दी को दूध के साथ मिलाकर पिया जाता है, तो यह केवल एक साधारण पेय नहीं रह जाता, बल्कि यह एक प्राकृतिक औषधि बन जाता है।
पारंपरिक रूप से, दादी-नानी चोट लगने, सर्दी-जुकाम या शरीर में कमजोरी के कारण हमेशा हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देती थीं। आज का विज्ञान भी इसे सुपर ड्रिंक मानता है।
सोने से पहले हल्दी-दूध का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। यह मस्तिष्क को होने वाले नुकसान से बचाता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
इसमें मेलाटोनिन नामक तत्व की मात्रा बढ़ाने की क्षमता होती है, जिससे नींद गहरी और अच्छी आती है। इसी कारण इसे नैचुरल स्लीप बूस्टर कहा जाता है। इसके साथ ही, हल्दी-दूध आंखों की रोशनी बढ़ाने, पाचन तंत्र को सुधारने और आंतों को साफ रखने में भी सहायक होता है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। यह दूध के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा घटाता है। साथ ही, यह रक्त में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर को स्वस्थ रखता है।
सुंदरता के लिहाज से भी हल्दी-दूध बहुत फायदेमंद है। यह कोलेजन निर्माण को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है। इसमें एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से बचाते हैं।
यदि इसमें काली मिर्च मिलाई जाए तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है, क्योंकि काली मिर्च हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करती है।