क्या हरियाणा में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने 681 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?

Click to start listening
क्या हरियाणा में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने 681 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?

सारांश

गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में 681 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। यह कार्रवाई कई घर खरीदारों की शिकायतों के आधार पर की गई है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने 681.54 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क किया।
  • धोखाधड़ी के मामले में कई घर खरीदारों की शिकायतें की गई थीं।
  • मेसर्स आरपीडीपीएल के प्रमोटरों पर गंभीर आरोप हैं।
  • कुर्क की गई संपत्तियां गुरुग्राम के विभिन्न सेक्टरों में हैं।
  • जांच की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

गुरुग्राम, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस कार्रवाई में 681.54 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने विभिन्न परियोजनाओं में विभिन्न घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के एक मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उनकी समूह कंपनियों की 681.54 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।

कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, सेक्टर 92 और 95 में स्थित रामप्रस्थ सिटी की लगभग 226 एकड़ की दो प्लॉटेड कॉलोनियां और गुरुग्राम, हरियाणा के गांव बसई, गडोली कलां, हयातपुर और वजीपुर में स्थित लगभग 1,700 एकड़ के भूखंड शामिल हैं।

ईडी ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), नई दिल्ली और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की। यह एफआईआर मेसर्स आरपीडीपीएल और इसके प्रमोटरों अरविंद वालिया, बलवंत चौधरी सिंह और संदीप यादव के खिलाफ कई घर खरीदारों की शिकायतों पर आधारित थी, जो वादा किए गए समय सीमा के भीतर फ्लैट और प्लॉट देने में विफल रहे थे।

ईडी की जांच से पता चला है कि मेसर्स आरपीडीपीएल की विभिन्न परियोजनाएं जैसे प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी (प्लॉटेड कॉलोनी प्रोजेक्ट) सेक्टर 37 डी, 92 और 95 गुरुग्राम में 2008-2011 में लॉन्च की गई थीं। साथ ही 14-17 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी फ्लैटों/प्लॉट की गई जमीनों पर कब्जा नहीं दिया गया है।

जांच से यह भी पता चला कि मेसर्स आरपीडीपीएल के प्रमोटरों/निदेशकों ने घर खरीदने वालों से एकत्रित धनराशि को वादा किए गए घरों को पूरा करने के लिए उपयोग करने के बजाय, भूमि के टुकड़े आदि खरीदने के लिए अग्रिम के रूप में अपनी समूह कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया। इसके कारण अंततः आज तक फ्लैट और प्लॉट वितरित नहीं किए जा सके। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

Point of View

जो धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। सही समय पर सही कदम उठाकर, ईडी ने यह संदेश दिया है कि आर्थिक अपराधी बच नहीं सकते।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रवर्तन निदेशालय ने कितनी संपत्ति कुर्क की है?
प्रवर्तन निदेशालय ने 681.54 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क किया है।
कौन से कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है?
इस कार्रवाई में मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उनकी समूह कंपनियां शामिल हैं।
यह कार्रवाई किस आधार पर की गई है?
यह कार्रवाई कई घर खरीदारों की शिकायतों और एफआईआर के आधार पर की गई है।
कुर्क की गई संपत्तियों में क्या शामिल है?
कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के विभिन्न सेक्टरों में स्थित प्लॉटेड कॉलोनियां और भूखंड शामिल हैं।
क्या आगे की जांच चल रही है?
हाँ, इस मामले में आगे की जांच जारी है।