क्या हजारीबाग में नक्सलियों के ठिकानों से बरामद हुए हथियार पुलिस-सीआरपीएफ की बड़ी कामयाबी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- नक्सल विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
- जंगलों से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए।
- पुलिस और सीआरपीएफ का समन्वय नक्सलियों की गतिविधियों को कम कर रहा है।
- गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई।
- भाकपा माओवादी संगठन ने प्रतिरोध सप्ताह मनाया।
हजारीबाग, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिले की पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जिला पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सोमवार को हजारीबाग-बोकारो जिले के सीमावर्ती जंगलों में किए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में हथियार और सामग्रियां बरामद की हैं।
इनमें दो एसएलआर राइफल, मैगजीन, एक बड़ी संख्या में कारतूस, पिट्ठू बैग, वर्दी, दस्तावेज और अन्य नक्सली सामान शामिल हैं। हजारीबाग के एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों का एक दस्ता सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है।
सूचना के आधार पर पुलिस ने अभियान की योजना बनाई और सुबह तड़के बलों को जंगल की ओर भेजा गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल के एक गुप्त ठिकाने से नक्सलियों द्वारा छिपाई गई हथियारों की खेप और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। छापेमारी की भनक मिलते ही नक्सली मौके से भाग निकले।
इससे पहले सितंबर महीने में इसी इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों के संयुक्त ऑपरेशन में एक करोड़ के इनामी माओवादी नक्सली सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश सहित कुल तीन नक्सली मारे गए थे। यह मुठभेड़ जिले के बरकट्ठा-गोरहर थाना क्षेत्र के जंगल में हुई थी।
भाकपा माओवादी संगठन हाल में पुलिस मुठभेड़ की घटनाओं में अपने कई साथियों के मारे जाने के विरोध में 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक प्रतिरोध सप्ताह मना रहा है। इस दौरान हिंसा फैलाने की उनके मंसूबों की खुफिया रिपोर्ट के आधार पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी नक्सल प्रभावित जिलों को अलर्ट कर रखा है।
हजारीबाग जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाया जा रहा है ताकि नक्सलियों के ठिकानों और सप्लाई चेन को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस और सीआरपीएफ के बीच बेहतर समन्वय से क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों में लगातार कमी आई है।