क्या बिहार चुनाव 2025 में कांग्रेस की हिसुआ में वापसी भाजपा के लिए चुनौती बनेगी?
सारांश
Key Takeaways
- हिसुआ विधानसभा कांग्रेस का गढ़ है।
- भाजपा ने पिछले तीन चुनावों में जीत हासिल की है।
- कांग्रेस ने 15 साल बाद वापसी की है।
- इस बार 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
- धार्मिक स्थलों की समृद्धि क्षेत्र की पहचान है।
पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के नवादा जिले की हिसुआ विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच एक कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। कांग्रेस को अपने इस मजबूत गढ़ को बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जबकि भाजपा यहां अपनी वापसी की पूरी कोशिश कर रही है।
2008 में परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से 236वें स्थान पर है। हिसुआ विधानसभा नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में से एक है।
तिलैया नदी के दाहिने किनारे पर गया-नवादा मार्ग पर स्थित हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। यहां कुछ छोटे उद्योग भी हैं, जो कई लोगों के लिए रोजगार का एक माध्यम हैं।
धार्मिक दृष्टि से भी हिसुआ विधानसभा क्षेत्र समृद्ध है। हिसुआ प्रखंड मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित मदनेश्वर महादेव मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है। नवादा के हिसुआ में वाट थाई मंदिर में गौतम बुद्ध की 108 फीट ऊंची प्रतिमा यहां की शोभा बढ़ाती है। हिसुआ में जय ज्वालानाथ मंदिर भी स्थानीय लोगों के लिए आस्था का स्थान है। विशेष रूप से सावन के महीने में यहां भक्तों की भीड़ जुटती है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से यदि हिसुआ को समझा जाए तो यहां 63 वर्षों में जनता ने केवल छह नेताओं को अपना प्रतिनिधि बनाकर विधानसभा भेजा है, जबकि केवल तीन राजनीतिक पार्टियों को यहां मौका दिया गया है। इस सीट से सबसे अधिक बार आदित्य सिंह ने जीत हासिल की। आदित्य सिंह ने यहां तीन चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े और तीन चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और विजय प्राप्त की।
1957 से एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित हिसुआ को कांग्रेस का गढ़ कहा जा सकता है, क्योंकि यहां पार्टी ने सबसे अधिक 9 बार जीत हासिल की।
भाजपा ने यहां से लगातार तीन चुनाव (2005, 2010, 2015) जीते हैं। इसके अतिरिक्त, तीन चुनावों (1980, 1985, 2000) में निर्दलीय प्रत्याशी को विजय प्राप्त हुई। यहां से तीसरी पार्टी के रूप में 1977 में जनता पार्टी को जीत मिली थी।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, जबकि कांग्रेस ने लगभग 15 साल बाद वापसी की। 2020 के चुनाव में नीतू कुमारी ने कांग्रेस को जीत दिलाई।
इस बार हिसुआ विधानसभा सीट से 14 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने फिर से नीतू कुमारी पर विश्वास जताया है, जबकि भाजपा ने तीन बार के विधायक अनिल सिंह पर फिर से भरोसा करते हुए टिकट दिया है।