क्या आईएनएस एंड्रोथ ने भारतीय नौसेना में नई शक्ति का उदय किया?

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क्या आईएनएस एंड्रोथ ने भारतीय नौसेना में नई शक्ति का उदय किया?

सारांश

भारतीय नौसेना ने आईएनएस एंड्रोथ को कमिशन किया, जो एंटी-सबमरीन युद्धक्षमता में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्वदेशी तकनीकों का प्रतीक है और भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।

Key Takeaways

  • आईएनएस एंड्रोथ भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता को सुदृढ़ करता है।
  • यह पोत 80% स्वदेशी सामग्री से बना है।
  • उथले समुद्री क्षेत्रों में लंबे अभियान चलाने में सक्षम है।
  • इसमें आधुनिक तकनीक और हथियारों का उपयोग किया गया है।
  • भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूती प्रदान करता है।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना ने सोमवार को अपने बेड़े में आईएनएस एंड्रोथ को औपचारिक रूप से शामिल किया। यह भारतीय नौसेना का दूसरा एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट है, जिसे एक नेवल डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में कमीशन किया गया है।

नौसेना का कहना है कि आईएनएस एंड्रोथ भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता का एक शानदार प्रतीक है। इस पोत में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का प्रयोग किया गया है। यह भारतीय नौसेना के उस निरंतर प्रयास को दर्शाता है, जिसके तहत वह स्वदेशी समाधानों और नवोन्मेषी तकनीकों के माध्यम से अपनी शक्ति को सुदृढ़ बना रही है।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित इस पोत की लंबाई 77 मीटर और विस्थापन क्षमता लगभग 1500 टन है। इसे विशेष रूप से तटीय और उथले समुद्री क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए तैयार किया गया है। आईएनएस एंड्रोथ अत्याधुनिक हथियारों, सेंसरों और संचार प्रणालियों से सुसज्जित है। ये सेंसर व प्रणालियाँ इसे समुद्र की गहराई में छिपी शत्रु की पनडुब्बियों का पता लगाने, उनका पीछा करने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम बनाती हैं। यह जहाज उथले समुद्री क्षेत्रों में लंबे समय तक अभियान संचालित करने में समर्थ है और इसे नवीनतम मशीनरी एवं नियंत्रण प्रणालियों से लैस किया गया है।

इस पोत को तीन वॉटरजेट प्रोपल्शन प्रणालियों से शक्ति प्राप्त होती है, जिन्हें समुद्री डीजल इंजन संचालित करते हैं। इसके कारण यह जहाज अत्यधिक फुर्तीला और गतिशील है। इसके मिशन प्रोफाइल में समुद्री निगरानी, खोज एवं बचाव अभियान, तटीय रक्षा मिशन व लो इंटेंसिटी मेरीटाइम ऑपरेशन्स शामिल हैं। इन विविध अभियानों में सक्षम होने के कारण आईएनएस एंड्रोथ को एक बहुआयामी लिटरल वेसल के रूप में जाना जाएगा।

आईएनएस एंड्रोथ का कमीशन होना भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाता है। यह विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में संभावित खतरों का सामना करने के लिए नौसेना की तैयारियों को और सशक्त करेगा। यह पोत नौसेना के स्वदेशीकरण, नवाचार और क्षमता-वृद्धि पर निरंतर कार्य का प्रमाण है और यह भारत की समुद्री सुरक्षा संरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाता है।

इस जहाज का नाम एंड्रोथ द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो लक्षद्वीप समूह का उत्तरीतम द्वीप है। यह द्वीप ऐतिहासिक एवं सामरिक दृष्टि से भारत के समुद्री क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के प्रमुख, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने की।

इस अवसर पर वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड कोलकाता के प्रतिनिधि और अनेक विशिष्ट नागरिक गणमान्य उपस्थित थे। कमीशनिंग समारोह के उपरांत वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने जहाज के विभिन्न भागों का दौरा किया और उन्हें पोत के निर्माण यात्रा तथा नई स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

उन्होंने कमीशनिंग क्रू और अन्य अधिकारियों से बातचीत कर उनके समर्पण और समयबद्ध प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एंड्रोथ का कमीशन होना भारतीय नौसेना के लिए आत्मनिर्भर भारत के मार्ग में एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। आईएनएस एंड्रोथ का नौसेना में सम्मिलन भारत की उस सतत यात्रा का प्रतीक है जिसके तहत देश एक आधुनिक, आत्मनिर्भर और सक्षम नौसेना के निर्माण की दिशा में अग्रसर है।

Point of View

NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

आईएनएस एंड्रोथ क्या है?
आईएनएस एंड्रोथ भारतीय नौसेना का एक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट है।
इसका निर्माण किसने किया?
इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है।
आईएनएस एंड्रोथ की लंबाई क्या है?
इसकी लंबाई 77 मीटर है और इसकी विस्थापन क्षमता लगभग 1500 टन है।
यह पोत किस प्रकार के अभियानों के लिए सक्षम है?
यह पोत तटीय और उथले समुद्री क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए सक्षम है।
आईएनएस एंड्रोथ का नाम किस द्वीप पर रखा गया है?
इसका नाम एंड्रोथ द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो लक्षद्वीप समूह का उत्तरीतम द्वीप है।