क्या जम्मू-कश्मीर पुलिस पर इल्तिजा मुफ्ती ने गंभीर आरोप लगाया है?
सारांश
Key Takeaways
- इल्तिजा मुफ्ती ने अपने घर पर नजरबंद होने का आरोप लगाया है।
- पुलिस ने कई छात्रों की गिरफ्तारी की भी खबरें आई हैं।
- सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
- यह मामला जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- सुरक्षा और स्वतंत्रता के बीच संतुलन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्रीनगर, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में नजरबंदी और पुलिस कार्रवाई के दावों ने राजनीतिक माहौल को तिलमिलाना शुरू कर दिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा है कि उन्हें श्रीनगर में उनके निवास पर नजरबंद कर दिया गया है। इस निर्णय पर उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "अन्य कई लोगों की तरह मुझे भी आज (रविवार को) श्रीनगर में घर में नजरबंद कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों की असुरक्षा और पैरानॉयया की कोई सीमा नहीं है। यही 'नए कश्मीर' की तथाकथित सामान्य स्थिति है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके घर के गेट पर महिला पुलिस कर्मियों की पूरी टुकड़ी तैनात की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें बाहर निकलने से रोकना है। इल्तिजा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से सवाल करते हुए पूछा कि उन्हें किस आधार और किस कानून के तहत नजरबंद किया गया है।
इसी बीच, सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी के कार्यालय ने भी एक्स पोस्ट के जरिए पुलिस कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यालय की ओर से कहा गया है कि पुलिस ने आधिकारिक रूप से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी को सूचित किया है कि उन्हें घर में नजरबंद किया गया है और बाहर निकलने से रोक दिया गया है। उनके कार्यालय ने यह भी दावा किया कि देर रात से छात्रों की गिरफ्तारी की खबरें मिल रही हैं और उनके परिवारों को पुलिस द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है।
सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी के कार्यालय ने एक्स पोस्ट में लिखा, "सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी को आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया है और उन्हें घर से बाहर निकलने से मना किया गया है। हमें शनिवार देर रात यह भी खबर मिली है कि छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और उनके परिवारों को पुलिस ने डराया-धमकाया है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि छात्र नौकरियों और शिक्षा में रिजर्वेशन पॉलिसी को तर्कसंगत बनाने की मांग कर रहे हैं।"