क्या जमशेदपुर के साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 लोगों से ठगी की?

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क्या जमशेदपुर के साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 लोगों से ठगी की?

सारांश

जमशेदपुर में साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया है। अमेरिकी पुलिस की शिकायत के बाद भारत में जांच शुरू हो गई है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • जमशेदपुर में साइबर ठगी का मामला सामने आया है।
  • अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया गया।
  • जांच में जमशेदपुर के नंबरों का उपयोग पाया गया।
  • पुलिस ने कई आरोपियों की पहचान कर ली है।
  • गिरोह ने तकनीकी सहायता के नाम पर ठगी की।

जमशेदपुर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमशेदपुर में सक्रिय साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बना लिया है। इन पीड़ितों ने अमेरिकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला भारत के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा। इसके बाद शुरू हुई जांच जिसके तहत कई स्तरों पर कार्यवाही की जा रही है।

जांच में यह सामने आया कि इस साइबर ठगी में जमशेदपुर के नंबरों का सहारा लिया गया था। जांच एजेंसियों ने झारखंड पुलिस के साथ इस संबंध में जानकारी साझा की है। जमशेदपुर के सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को इस मामले में अलर्ट रहने का निर्देश दिया।

पुलिस ने पता लगाया है कि इस अपराधियों का नेटवर्क साकची, मानगो, टेल्को, गोविंदपुर और बारीडीह से संचालित हो रहा है। अब तक कई आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि गिरोह ने खुद को टेक्निकल सपोर्ट अधिकारी बताकर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क किया। कंप्यूटर, बैंकिंग या अन्य तकनीकी समस्याओं का बहाना बनाकर पीड़ितों का विश्वास जीतकर उनके खातों से राशि निकाल ली जाती थी।

जमशेदपुर पुलिस के अनुसार, इस गिरोह की जड़ें मुख्य रूप से मानगो, टेल्को और साकची में फैली हैं। पुलिस को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं और वर्तमान में आरोपियों और उनके नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, गिरोह ने एक कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था बनाई थी, जहां अंग्रेजी बोलने वाले लोग विदेशी नागरिकों को कॉल करके तकनीकी सहायता के नाम पर ठगते थे।

शक है कि यह गिरोह केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना चुका है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इस गिरोह के मास्टरमाइंड और उनके सहयोगियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। ऐसे मामलों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संबंधित एजेंसियों से सहयोग लिया जाएगा।

Point of View

साइबर अपराध एक गंभीर चिंता का विषय रहा है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारत में भी ऐसे अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। हमें इस मुद्दे पर गहरी नजर रखनी चाहिए और पुलिस व जांच एजेंसियों के काम में सहयोग करना चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

जमशेदपुर में साइबर ठगी का मामला कब सामने आया?
जमशेदपुर में यह साइबर ठगी का मामला 3 सितंबर को सामने आया।
इस ठगी के शिकार कितने लोग हुए हैं?
इस ठगी के शिकार अमेरिका के 12 नागरिक हुए हैं।
जांच में अब तक क्या जानकारी मिली है?
जांच में यह सामने आया है कि गिरोह ने जमशेदपुर के नंबरों का उपयोग किया और तकनीकी सहायता के नाम पर ठगी की।
क्या पुलिस ने किसी को गिरफ्तार किया है?
पुलिस ने कई आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
क्या यह गिरोह अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना सकता है?
हां, अधिकारियों का शक है कि यह गिरोह अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना चुका है।