क्या जन योजना अभियान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त कर रहा है?

Click to start listening
क्या जन योजना अभियान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त कर रहा है?

सारांश

पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया जन योजना अभियान, 'सबकी योजना, सबका विकास', समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभियान पंचायत विकास योजनाओं में लोगों की भागीदारी को बढ़ाकर, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। जानिए इस अभियान के महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • जन योजना अभियान का लक्ष्य पंचायत विकास योजनाओं में लोगों की भागीदारी बढ़ाना है।
  • इस अभियान की शुरुआत 2018 में हुई थी।
  • ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर लाखों विकास योजनाएं उपलब्ध हैं।
  • पंचायती राज संस्थाएं स्थानीय सेवाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
  • समावेशी विकास के लिए सतत विकास लक्ष्यों का पालन किया जाता है।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंचायती राज मंत्रालय ने 2 अक्टूबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जन योजना अभियान (पीपीसी) 2025-26- 'सबकी योजना, सबका विकास' की शुरुआत की, जिससे वित्त वर्ष 2026-27 के लिए पंचायत विकास योजना (पीडीपी) तैयार करने की राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया आरंभ हुई।

जन योजना अभियान (पीपीसी) जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त करने और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरा है।

केंद्र के अनुसार, जन योजना अभियान की शुरुआत 2018 में हुई थी, और तब से यह अभियान पंचायतों को साक्ष्य-आधारित और समावेशी विकास योजनाएं तैयार करने में सहायता करता रहा है।

ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर वित्त वर्ष 2025-26 तक, 29 जुलाई 2025 तक 18.13 लाख से अधिक पंचायत विकास योजनाएं अपलोड की गई हैं। इनमें 17.73 लाख से अधिक ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (जीपीडीपी), 35,755 ब्लॉक पंचायत विकास योजनाएं (बीपीडीपी) और 3,469 जिला पंचायत विकास योजनाएं (डीपीडीपी) शामिल हैं।

‘सबकी योजना सबका विकास’ थीम के तहत जन योजना अभियान (पीपीसी) को 2 अक्टूबर 2018 को आरंभ किया गया। यह अभियान पंचायत विकास योजनाओं को तैयार करने में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास करता है।

जन योजना अभियान का लक्ष्य लोगों की भागीदारी वाली, समग्र और समन्वित विकास योजनाएं तैयार करना है, जो कि ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी), ब्लॉक पंचायत विकास योजना (बीपीडीपी) और जिला पंचायत विकास योजना (डीपीडीपी) के तहत समयबद्ध तरीके से लागू की जाएं।

पंचायती राज संस्थाएं (पीआरआई) ग्राम स्तर पर जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़कों, जल निकासी, स्ट्रीट लाइटिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी हैं।

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के एजेंडे को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय ने एक विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है, जो 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को नौ व्यापक विषयों में समाहित करता है।

यह दृष्टिकोण पंचायतों को ‘संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज’ के ढांचे के तहत विकास योजनाएं तैयार करने में सहायता करता है।

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) भी वीपीआरपी तैयार करने में संलग्न हैं, जिससे ग्राम स्तर पर समग्र विकास और सशक्तिकरण को और बढ़ावा मिलता है।

Point of View

मेरा मंतव्य है कि जन योजना अभियान एक सशक्त और समावेशी लोकतंत्र की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल पंचायतों को सशक्त करता है, बल्कि स्थानीय लोगों को उनके विकास में भागीदार बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

जन योजना अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जन योजना अभियान का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करना और पंचायत विकास योजनाओं को समग्र और समन्वित तरीके से तैयार करना है।
इस अभियान की शुरुआत कब हुई थी?
इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2018 को हुई थी।
क्या जन योजना अभियान का कोई विशेष विषय है?
हाँ, इस अभियान का विशेष विषय 'सबकी योजना, सबका विकास' है।
पंचायती राज संस्थाएं किन सेवाओं के लिए जिम्मेदार हैं?
पंचायती राज संस्थाएं जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़कें, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
इस अभियान में लोगों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जाती है?
इस अभियान के तहत, पंचायत विकास योजनाओं में स्थानीय लोगों को शामिल करके उनकी भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।