क्या जेन गुडॉल का भारत आना और मिस्टर 'एच' के साथ उनकी यात्रा खास थी?

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क्या जेन गुडॉल का भारत आना और मिस्टर 'एच' के साथ उनकी यात्रा खास थी?

सारांश

जेन गुडॉल, जिनकी अद्वितीय कहानियां आज भी जीवित हैं, ने वैज्ञानिक दुनिया में अपनी छाप छोड़ी। जानिए उनके जीवन के प्रेरणादायक पल और जिज्ञासा के सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • जेन गुडॉल का जीवन और उनका योगदान वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बदलने में महत्वपूर्ण रहा।
  • उनकी मां ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
  • चिंपैंजी के व्यवहार का अध्ययन करके उन्होंने मानवता के विकास की नई परिभाषा दी।
  • जंगल और प्रकृति के प्रति उनकी जागरूकता ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया।
  • उनका मैसेंजर ऑफ पीस पुरस्कार प्राप्त करना उनके प्रयासों की पहचान है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व की प्रख्यात प्राइमेटोलॉजिस्ट जेन गुडॉल अब हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनके जीवन की कहानियां आज भी उतनी ही जीवंत हैं जितनी अफ्रीका के जंगल! जेन ने 1 अक्टूबर 2025 को कैलिफोर्निया में अंतिम सांस ली। जेन गुडॉल इंस्टीट्यूट ने इसकी जानकारी दी।

डॉ गुडॉल का बचपन से ही एक अद्वितीय दृष्टिकोण था। नवंबर 2024 में वे भारत आई थीं अपने मिस्टर 'एच' के साथ, जो एक स्टफ्ड टॉय (केला खाता बंदर) था, जिसे उन्हें 33 वर्ष पहले एक अमेरिकी नौसैनिक ने उपहार में दिया था। इस खिलौने ने उनके हर सफर में उनका साथ दिया।

जेन ने अपनी मां को अपनी प्रेरणा बताया, जिन्होंने उन्हें बताया था कि लड़की होने के नाते कभी हार नहीं माननी चाहिए।

जेन ने कई साक्षात्कारों में अपने बचपन की उस घटना का जिक्र किया जिसमें उन्होंने जीव-जंतुओं के प्रति अपनी जिज्ञासा दिखाई थी। जब वे मात्र पांच वर्ष की थीं, तो उन्होंने मुर्गी के अंडा देने की प्रक्रिया देखने के लिए चार घंटे तक मुर्गी के दड़बे में छिपकर बैठी रहीं।

जेन गुडॉल ने कॉलेज नहीं किया, लेकिन अपनी बुद्धि और ज्ञान से पीएचडी प्राप्त की। बीस साल की उम्र में उन्होंने टाइपिस्ट और रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की, पैसे बचाए और अपने सपने को पूरा करने अफ्रीका पहुंच गईं। उस समय अकेली लड़की का दूर देशों की यात्रा करना असामान्य था, लेकिन उनकी मां ने उन्हें प्रोत्साहित किया।

1960 में जेन ने देखा कि चिंपैंजी लकड़ी की टहनी से दीमक निकालकर खाते हैं। यह खोज विज्ञान की परिभाषा को बदलने वाली थी, क्योंकि इससे पता चला कि इंसान औजार बनाने वाला "एकमात्र प्राणी" नहीं है।

जेन गुडॉल केवल एक वैज्ञानिक नहीं थीं, बल्कि उन्होंने जंगल और प्रकृति के संरक्षण के लिए भी आवाज उठाई। जेन गुडॉल संस्थान और रूट्स एंड शूट्स जैसे अभियानों के माध्यम से उन्होंने लाखों युवाओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा। उन्हें मैसेंजर ऑफ पीस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

Point of View

बल्कि युवा पीढ़ी को भी जागरूक किया। हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

जेन गुडॉल ने किन क्षेत्रों में काम किया?
जेन गुडॉल ने प्राइमेटोलॉजी, पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया।
जेन गुडॉल का प्रसिद्ध शोध क्या था?
जेन गुडॉल का सबसे प्रसिद्ध शोध चिंपैंजी द्वारा औजारों के उपयोग पर था, जिसने मानव प्रजातियों के विकास को समझने में मदद की।