क्या कर्नाटक में नाबालिग को बाइक देना वाहन मालिक के लिए भारी साबित हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं है।
- वाहन मालिक को जुर्माना और जेल की सजा हुई।
- सड़क सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता है।
तुमकुरु, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के तुमकुरु में नाबालिग को बाइक देना वाहन मालिक के लिए गंभीर परेशानी बन गया। वाहन मालिक को इसकी सजा भुगतनी पड़ी। नाबालिग को बाइक चलाने की अनुमति देने के कारण वाहन मालिक पर तीस हजार रुपये का जुर्माना और एक दिन की जेल की सजा सुनाई गई।
असल में, नाबालिग द्वारा बाइक चलाने के दौरान एक सड़क दुर्घटना घटित हुई। इस घटना की जानकारी पुलिस स्टेशन में शिकायत के रूप में दी गई थी। इसके बाद, पुलिस ने वाहन मालिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
गुब्बी प्रिंसिपल सिविल कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सजा और जुर्माना लगाया है।
यह घटना 31 अक्टूबर, 2024 की रात को हुई, जब एक नाबालिग लड़का गुब्बी-अरसीकेरे रोड पर बाइक चला रहा था। इस दौरान बाइक सड़क किनारे मिट्टी के टीले से टकरा गई, जिससे दुर्घटना हुई।
दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी प्रह्लाद शंकर ने गुब्बी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नाबालिग को गाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए वाहन मालिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। गुब्बी प्रिंसिपल सिविल कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वाहन मालिक को दोषी पाया और एक दिन का कारावास और तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
कर्नाटक में बिना ड्राइविंग लाइसेंस और 18 साल से कम उम्र के युवकों द्वारा बाइक चलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस निर्णय को कम उम्र के व्यक्तियों को वाहन चलाने की अनुमति देने के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कर्नाटक के शिवमोगा कोर्ट ने 17 साल के नाबालिग बेटे को बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दोपहिया वाहन देने वाली मां पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।