क्या केंद्र ने कमर्शियल कोयला ब्लॉक नीलामी के तहत 3 कोयला ब्लॉकों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर जारी किए?
सारांश
Key Takeaways
- कोयला मंत्रालय ने 3 कोयला ब्लॉकों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर जारी किए।
- इन ब्लॉकों का जियोलॉजिकल रिजर्व 1,484.41 मीट्रिक टन है।
- 189.77 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व मिलने की उम्मीद।
- 150 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश भी होगा।
- 1352 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि मंत्रालय की नॉमिनेटेड अथॉरिटी ने कमर्शियल कोयला ब्लॉक नीलामी के अंतर्गत 3 कोयला ब्लॉकों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर जारी किए हैं। ये ऑर्डर 23 अक्टूबर को जारी किए गए थे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन ब्लॉकों के लिए कोल माइन डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट (सीएमडीपीए) पर 21 अगस्त को हस्ताक्षर किए गए थे।
मंत्रालय ने जानकारी दी कि राजगामार डिपसाइड (देवनारा), तंगरडीही उत्तर और महुआगढ़ी ब्लॉकों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर जारी किए गए हैं।
इनमें से 2 ब्लॉक आंशिक रूप से एक्सप्लोर किए गए हैं, जबकि एक ब्लॉक को पूरी तरह से एक्सप्लोर किया गया है, जिसकी पीक रेटेड क्षमता 1.00 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है।
इसके अलावा, इन तीन ब्लॉकों का जियोलॉजिकल रिजर्व 1,484.41 मीट्रिक टन है। इन तीन ब्लॉकों से लगभग 189.77 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने और लगभग 150 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है। साथ ही इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1352 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
कोयला मंत्रालय के अनुसार, कमर्शियल नीलामी के अंतर्गत 130 कोयला ब्लॉकों के लिए वेस्टिंग/आवंटन आदेश जारी किए गए हैं, जिनका पीआरसी संयुक्त रूप से 267.244 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। इससे लगभग 37,700 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा और साथ ही, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3,61,301 लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे।
हाल ही में कोयला मंत्रालय ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एनर्जी सेटअप करने के लिए आईआईटी मद्रास के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि यह साझेदारी स्वदेशी रिसर्च, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी विकास के माध्यम से भारत में ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व करने और 2070 तक देश के नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।