क्या टीएमसी ने कोलकाता गैंगरेप केस पर विवादास्पद टिप्पणी करने पर कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा की निंदा की?

सारांश
Key Takeaways
- तृणमूल कांग्रेस ने विवादास्पद टिप्पणियों की निंदा की।
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति पार्टी की शून्य सहिष्णुता है।
- तीनों आरोपी तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा से जुड़े हैं।
- पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
- कोलकाता उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेने की मांग की है।
कोलकाता, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को आधिकारिक रूप से पार्टी के एक लोकसभा सदस्य और एक विधायक की निंदा की, जिन्होंने कोलकाता के कॉलेज परिसर में एक लॉ स्टूडेंट के साथ कथित बलात्कार पर विवादास्पद टिप्पणी की थी।
पार्टी ने चार बार के लोकसभा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी और पार्टी विधायक मदान मित्रा की निंदा की।
कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के बाद, तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा (तृणमूल छत्र परिषद) से जुड़े हैं। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि कोई दोस्त अपने ही दोस्त के साथ बलात्कार करता है, तो सरकार या पुलिस हर जगह सुरक्षा नहीं दे सकती। उनके इस बयान ने काफी विवाद खड़ा किया।
बाद में, मदन मित्रा ने भी एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बलात्कार की घटना ने सभी लड़कियों को यह संदेश दिया कि उन्हें कॉलेज बंद होने पर कॉलेज नहीं जाना चाहिए।
दोनों टिप्पणियों ने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी।
शनिवार को तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा कि मामले में बनर्जी और मित्रा द्वारा की गई टिप्पणियां उनकी व्यक्तिगत क्षमता में की गई थीं और इसलिए पार्टी ने उनके बयानों से खुद को अलग कर लिया और उनकी कड़ी निंदा की।
बयान में कहा गया है, "ये विचार किसी भी तरह से पार्टी की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं। हमारा रुख दृढ़ है; महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति हमारी शून्य सहिष्णुता है और हम इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं।"
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय की अधिवक्ता सौमा सुभ्रा ने शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगननम को एक पत्र लिखकर कस्बा लॉ कॉलेज बलात्कार मामले में अदालत से स्वतः संज्ञान लेने और सीबीआई से जांच कराने की मांग की।