क्या कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग लॉ कॉलेज बलात्कार मामले की जांच कर रहा है?

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क्या कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग लॉ कॉलेज बलात्कार मामले की जांच कर रहा है?

सारांश

कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग एक लॉ छात्रा के बलात्कार मामले की जांच कर रहा है। आरोपियों पर नई धाराएं जोड़ी गई हैं, और मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। क्या न्याय मिलेगा?

Key Takeaways

  • जासूसी विभाग ने बलात्कार मामले की जांच अपने हाथ में ली।
  • आरोपियों पर नई धाराएं जोड़ी गई हैं।
  • पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाई गई है।
  • उच्च न्यायालय में सीबीआई जांच की मांग की गई है।
  • सुरक्षा गार्ड को भी मामले में शामिल किया गया है।

कोलकाता, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग (डीडी) ने बुधवार को दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित कॉलेज परिसर में पिछले सप्ताह एक लॉ छात्रा के साथ घटित बलात्कार की जांच अपने हाथ में ले ली।

इस मामले में स्थानीय कस्बा पुलिस थाने ने पहले से ही जांच की प्रक्रिया शुरू की थी। पुलिसकर्मियों ने 25 जून की शाम को अपराध के तुरंत बाद पीड़िता द्वारा दी गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद, जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। हालाँकि, बुधवार को शहर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने जांच का कार्यभार जासूसी विभाग को सौंपने का निर्णय लिया।

जासूसी विभाग के अधिकारियों ने मामले के तीन मुख्य आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय के खिलाफ नई धाराएं जोड़कर जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी है। प्रारंभ में आरोपियों पर बलात्कार की धाराएं लगाई गई थीं, लेकिन अब जासूसी विभाग ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद अपहरण और हथियारों से चोट पहुँचाने से संबंधित धाराएं भी जोड़ी हैं। मोनोजीत, जो कि विधि महाविद्यालय का पूर्व छात्र है, बलात्कार के मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना गया है, जबकि अन्य दोनों आरोपियों को अपराध के सूत्रधार के रूप में देखा जा रहा है।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए चौथे व्यक्ति, पिनाकी बनर्जी, जो कि कस्बा स्थित विधि महाविद्यालय परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड है, को पीड़िता के यौन उत्पीड़न के अपराध का 'एकमात्र असहाय गवाह' माना गया है।

कोलकाता की एक निचली अदालत ने मंगलवार को मोनोजीत, अहमद और मुखोपाध्याय की पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी, जबकि बनर्जी की हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ाई गई।

इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मामले में सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाए। न्याय की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है। यह मामला न केवल कानूनी पहलू से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए भी।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या जासूसी विभाग ने बलात्कार मामले की जांच की है?
हाँ, कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग इस मामले की जांच कर रहा है।
क्या आरोपियों पर नई धाराएं लगाई गई हैं?
जी हाँ, आरोपियों पर बलात्कार के साथ-साथ अपहरण और हथियारों से चोट पहुँचाने की धाराएं भी लगाई गई हैं।
कौन हैं इस मामले के मुख्य आरोपी?
मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय हैं।
क्या इस मामले में कोई अन्य आरोपी है?
हाँ, पिनाकी बनर्जी नामक सुरक्षा गार्ड भी मामले में गिरफ्तार किया गया है।
क्या उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हो रही है?
हाँ, इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है।