क्या 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में बेचना सही है? पुणे की महार वतन भूमि विवाद पर रामदास आठवले की प्रतिक्रिया

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क्या 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में बेचना सही है? पुणे की महार वतन भूमि विवाद पर रामदास आठवले की प्रतिक्रिया

सारांश

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने पुणे की महार वतन भूमि विवाद पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि यह भूमि अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है और इसे राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं बेचा जा सकता। यह मुद्दा गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए। क्या 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में बेचना सही है?

Key Takeaways

  • पुणे की महार वतन भूमि को राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं बेचा जा सकता।
  • इस भूमि का मूल्यांकन 1,800 करोड़ रुपए है।
  • केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने गंभीर चिंता जताई है।
  • मुख्यमंत्री ने उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
  • यह मामला सामाजिक अधिकारों से भी जुड़ा है।

मुंबई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने गुरुवार को पुणे की महार वतन भूमि से संबंधित विवाद पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह भूमि अनुसूचित जाति के दायरे में आती है, जिसे कोई भी व्यक्ति बिना राज्य सरकार की अनुमति के नहीं खरीद सकता।

आठवले ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि पुणे की जो भूमि महार वतन की है, उसे कोई भी व्यक्ति सीधे नहीं खरीद सकता। यदि कोई खरीदना चाहता है, तो उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।"

उन्होंने कहा कि यह भूमि लगभग 40 से 45 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और इस पर इन दिनों कथित खरीद-फरोख्त को लेकर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया पर उन्हें जानकारी जुटानी होगी, क्योंकि भूमि के मूल्यांकन और खरीद मूल्य के बीच बड़ा अंतर दिख रहा है। यदि इस भूमि की अनुमानित कीमत 1,800 करोड़ रुपए है और इसे मात्र 300 करोड़ रुपए में खरीदा गया है, तो यह उचित नहीं है। यह मामला गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए।

पार्थ पवार के नाम पर चल रही चर्चाओं को लेकर सवाल किए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जिस भूमि को लेकर सवाल उठ रहे हैं, उसकी मूल्य को देखते हुए मामले की पारदर्शिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल आर्थिक लेनदेन का नहीं, बल्कि अनुसूचित जाति के अधिकारों से जुड़ा सामाजिक मुद्दा भी है। आठवले ने आगे कहा कि मैं वहां के लोगों से बात करूंगा और अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा करूंगा।

आपको बताते चलें, इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए। सीएम फडणवीस ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति द्वारा जांच के आदेश दिए।

आरोपों को प्रथम दृष्टा बेहद गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति इस बात की जांच करेगी कि बिना उचित अनुमति के सरकारी ज़मीन कैसे हस्तांतरित की गई और स्टांप शुल्क क्यों माफ किया गया।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राजस्व और भूमि अभिलेख विभागों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी किसी भी गड़बड़ी का समर्थन नहीं करेंगे।

Point of View

बल्कि सामाजिक अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है। इस विवाद की गहराई में जाकर जांच करने की आवश्यकता है।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या महार वतन भूमि को बेचा जा सकता है?
नहीं, महार वतन भूमि को बिना राज्य सरकार की अनुमति के नहीं बेचा जा सकता।
कौन सी भूमि महार वतन के अंतर्गत आती है?
महार वतन भूमि वह भूमि है जो अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।
क्या इस विवाद की जांच हो रही है?
हां, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
इस भूमि का अनुमानित मूल्य क्या है?
इस भूमि का अनुमानित मूल्य 1,800 करोड़ रुपए है।
क्या 300 करोड़ में बेचना उचित है?
अगर भूमि की कीमत 1,800 करोड़ है, तो 300 करोड़ में बेचना उचित नहीं है।