क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता में आने के पीछे पुलवामा घटना थी? सपा सांसद सनातन पांडे का दावा
सारांश
Key Takeaways
- सनातन पांडे ने भाजपा पर पुलवामा का सहारा लेने का आरोप लगाया है।
- भाजपा की राजनीतिक रणनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- सपा की बैठक में भाजपा के खिलाफ रणनीति पर चर्चा हुई।
- राजनीतिक बयानबाजी का असर चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है।
बलिया, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के सांसद सनातन पांडे ने पुलवामा को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में नहीं आती, तो शायद पुलवामा की घटना नहीं होती।
सपा सांसद ने कहा कि पुलवामा के बाद भाजपा ने देश के मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और केंद्र में सरकार बनाई।
सनातन पांडे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि बलिया में समाजवादी पार्टी की एक बैठक हुई। बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया गया कि भाजपा कितनी बेरहम है और इसके खिलाफ क्या रणनीति अपनाई जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि बैठक में यह चर्चा हुई कि 2019 में भाजपा अपने बलबूते पर सरकार नहीं बना सकती थी, लेकिन 'पुलवामा' जैसी घटनाओं का सहारा लेकर उसने भारत के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और सत्ता में आई।
सपा सांसद ने यह भी दावा किया कि भाजपा को देश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। इस सरकार के कारण किसान और युवा दोनों परेशान हैं। इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। महंगाई और बेरोजगारी पर बात नहीं हो रही है।
उन्होंने भाजपा को एक चालाक पार्टी बताया है, जो भारत के लोगों की भावनाओं को 'भड़काकर' सत्ता में बने रहना चाहती है।
सपा सांसद ने कहा कि इस बैठक में एसआईआर पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि सबसे पहले बिहार में एसआईआर लागू हुआ, जहां वोटर लिस्ट से लाखों लोगों के नाम मिटा दिए गए। विपक्ष की आवाज को दबाया गया। अब एसआईआर उन राज्यों में लागू किया जा रहा है जहां चुनाव होने हैं। इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा रहा है। इस संदर्भ में हमारी कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे भाजपा से सजग रहें, न जाने वह कब किस हथियार को लेकर सामने आ जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा भावनाओं को 'भड़काकर' सत्ता में रहना चाहती है।