क्या इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव के आधार पर होना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधनों की तैयारियां तेज हो गई हैं।
- पप्पू यादव ने सीट बंटवारे की मांग की है।
- कांग्रेस का स्ट्राइक रेट पिछले चुनाव में बेहतर रहा।
- महागठबंधन को सभी वर्गों का वोट चाहिए।
- यह देखना दिलचस्प होगा कि पप्पू यादव की सलाह पर क्या कार्रवाई होती है।
पटना, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों गठबंधन अब अपनी तैयारियों को तेज कर चुके हैं। महागठबंधन के घटक दलों की समन्वय समिति और उप समितियों की शनिवार को बैठक आयोजित की गई, जिसमें सीट बंटवारे सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
इस बीच, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के आधार पर इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे की मांग की है। पप्पू यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा पिछले लोकसभा चुनाव के आधार पर होना चाहिए। मुझको मिलाकर कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सबसे शानदार रहा था।"
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे दलों को सीट लेने से पहले गंभीरता से सोचना चाहिए, जिनका लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हो गया था।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि पप्पू यादव ने कांग्रेस को भी सीटों के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। इससे पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 100 सीटों का लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी थी, जिसमें से कम-से-कम 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि बिहार में दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा अल्पसंख्यक, महिला, युवा और अन्य गरीब वर्गों को महागठबंधन से जुड़ने के लिए कांग्रेस पर भरोसा करना होगा, अन्यथा उनका विश्वास नहीं बनेगा। विपक्ष को सभी वर्गों का वोट चाहिए, तभी बदलाव संभव है। पप्पू यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई थी।
यह उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में कांग्रेस ने सिर्फ 9 सीटों पर चुनाव लड़ा और 3 सीटें जीतीं, जबकि उसके प्रमुख सहयोगी राजद ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन केवल 4 सीटें ही जीत पाई थीं। इस प्रकार, कांग्रेस का स्ट्राइक रेट राजद से कहीं बेहतर रहा। ऐसा माना जा रहा है कि सांसद पप्पू यादव इसी बात की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, चुनाव में अभी समय है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन पप्पू यादव की सलाह को कैसे ग्रहण करता है।