क्या लठबंधन, ठगबंधन और हठबंधन से मिलकर बना है महागठबंधन? : केशव प्रसाद मौर्य
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की आलोचना में केशव प्रसाद मौर्य ने इसे 'लठबंधन' कहा।
- जनता के हितों से ज्यादा कुर्सी का हित महत्वपूर्ण है।
- एनडीए का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार कर रहे हैं।
- बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है।
- आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का दौर जारी है।
पटना, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी बयानबाजी में तेजी आ गई है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी महागठबंधन पर हमला करते हुए इसे 'लठबंधन, ठगबंधन और हठबंधन' करार दिया है।
उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सत्ता के अहंकार में डूबा हुआ है और जनता को अब भी गुलाम समझता है।
मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "स्पष्ट है कि लठबंधन, ठगबंधन और हठबंधन से मिलकर महागठबंधन बना है, जो अपनी राजशाही के अहंकार में जनता को गुलाम मानता है।"
उन्होंने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के माध्यम से कहा कि महागठबंधन का एनडीए से कोई मुकाबला नहीं है, चूंकि बिहार में विकास का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, जो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहे हैं।
मौर्य ने यह भी दावा किया कि इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में 2010 जैसा इतिहास पुनः दोहराया जाएगा और एनडीए भारी बहुमत से सरकार बनाएगी।
मौर्य ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और राज्य दोनों ने विकास के नए आयाम हासिल किए हैं।
इससे पहले 22 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि इसने उम्मीदवारों के चयन और सीट बंटवारे को जिस तरह से संभाला है, उससे बिहार की जनता के सामने इसका असली चेहरा उजागर हो गया है। यह गठबंधन अब 'महा-लठबंधन' बन चुका है, जो लाठी-डंडों और अराजकता फैलाने वालों का समूह है।
जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन की राजनीति अब विकास से भटककर अराजकता की राह पर जा चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पाने के लिए यह दल एक-दूसरे के विरोधी विचारों को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "बिहार के लोग अब समझ चुके हैं कि इस गठबंधन में जनता का नहीं, बल्कि कुर्सी का हित सबसे बड़ा है।"
बिहार में इस बार दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण की मतदान 6 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी और बिहार चुनाव 2025 के परिणाम सामने आ जाएंगे। लेकिन चुनाव से पहले नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।